अनुमंडल संवाददाता, फतेह लाइव।
पोटका के सौऊदा पंचायत अंतर्गत सौऊदा फुटबॉल मैदान परिसर में आदिवासी भूमिज- समाज की ओर से सिद्धेश्वर सरदार, जयपाल सिंह सरदार, एवं शत्रुघ्न सरदार की उपस्थिति में छटा भूमिज- भाषा दिवस धूमधाम से मनाया गया, जो कि झारखंड सरकार द्वारा मान्यता प्रदान किया गया है। लोगों का कहना है 8 साल की लंबी भूमिज भाषा संघर्ष समिति एवं समाज संघर्ष के परिणाम आदिवासी भूमिज भाषा को झारखंड राज्यों के दीतीय राज भाषा में शामिल करने का सफल प्रयास रहा। संघर्ष के दरमियान 2013 के टेट परीक्षा में भूमिज भाषा को पहली बार अपनी भाषा में परीक्षा देने की अवसर मिला और उत्तीर्ण होकर शिक्षक भी बने। दूसरी बार 2016 में भी प्राथमिक शिक्षा एवं माध्यमिक शिक्षा में हर समुदाय के ऊभाथीॅ भूमिज भाषा के अब भारतीय टॉपर रहे और शिक्षक बहाली होकर सेवा और रोजगार की काम में जुड़ गये ।
उसके बाद से और टेट परीक्षा हुआ ही नहीं। जब 2023 में झारखंड सरकार ने टेट परीक्षा का सिलेबस प्रकाशित किया तो भुमिज भाषा को सरकार की कैबिनेट में विलपित कर दिया। भूमिज भाषा को सरकार राजभाषा क्षेत्रीय भाषा या जिला भाषा मानती है बह कोई निश्चित नहीं कर पाया। यह आज भाषा दिवस में दुख व्यक्त करते है और झारखंड सरकार से आग्रह करते हैं की विलपित किए गए भूमिज- भाषा को स्थापित कर सम्मान स्वाभिमान और आजीविका के साथ जीने का अवसर प्रदान करें। इसके पश्चात आदिवासी भूमि समाज के लोगों के बीच ज्ञान भाषा का लिखित कंपटीशन करते हुए आदिवासी महिलाओं द्वारा सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया गया। इस मौके पर आदिवासी भूमिज समाज के सिद्धेश्वर सरदार, शत्रुघ्न सरदार, जयपाल सिंह सरदार,डड काली मंडल सिंह, विष्णु सरदार, आरती सरदार, गौरी सरदार, प्रमिला सरदार, अनिता कुमारी, विभीषण सरदार, जयंती सरदार, कार्तिक सरदार, हाड़ीराम सरदार आदि उपस्थित रहे।