चरणजीत सिंह.
झारखंड के कोल्हान से दो दर्जन युवा दुबई और कतर में फंसे हुए हैं. विगत 28 दिसंबर को वह बेहतर रोजी रोटी की तलाश में परिवार को सुख देने के लिए वतन को छोड़कर गए थे. वहां जाने के बाद उन्हें मनचाहा काम नहीं मिला, जिसमें वह दक्ष्य रखते हैं. उनसे जो काम लिया जा रहा है वह उनके लायक नहीं है. वह भी एक दो बार. अन्य दिन वह कमरे में कैद कर दिए जाते हैं. ये सभी भुक्तभोगी युवा परसुडीह के मकदमपुर, जुगसलाई के हैं, जबकि कुछ चक्रधरपुर के भी हैं.
फतेह लाइव का नंबर किसी तरह युवकों को प्राप्त हुआ. मो. हसन जो कि परसुडीह मकदमपुर का रहने वाला है. उसने अपना दुख जाहिर किया. मकदमपुर के ही एजेंट मो. शकील शेख पर गंभीर आरोप लगाए. हसन ने बताया कि उनके नंबर को एजेंट ने ब्लॉक कर दिया. परिजन उनसे बात करने जाते हैं तो उनके साथ मारपीट की जा रही है. युवकों का आरोप है कि शकील ब्रॉउन शुगर का धंधा भी चलाता है. अवैध कार्यों के संरक्षण में वह अपनी दबंगता बनाये हुए है. इन भुक्तभोगी युवकों की शिकायत पर फतेह लाइव ने पड़ताल की. पता चला कि एजेंट शकील का लाइसेंस गलत तरीके से बना है. सरकारी जमीन पर लाइसेंस नियुक्त ही नहीं हो सकता. स्थानीय प्रशासन को मिलाकर युवाओं को बाहर भेजने के नाम पर लाखों लाखों का खेला करता है. साथ ही लोगों ने बताया कि युवाओं का इंटरव्यू भी दूसरे संस्थान से कराता है. अगर जिला प्रशासन इस ओर सही तरीके से जांच करे तो और भी बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है.
इलेक्ट्रिकल टेक्निशियन की बजाय सीमेंट का काम कराया जा रहा
हसन ने बताया कि सभी युवक इलेक्ट्रिकल टेक्निशियन के दक्ष्य रखते हैं. उनसे गैस प्लांट में सीमेंट का काम कराया जा रहा है. एक दो दिन काम कराकर चार दिन बैठा दिया जाता है. शकील ने 85 हजार रूपये विदेश भेजने और काम दिलाने के लिए थे. दिसंबर से अब तक वह तीन लाख रूपये के कर्ज में दब गए हैं. वह वतन लौटने की जुगत में है. कई लोगों से संपर्क किया. जहां उन्हें फतेह लाइव का नंबर मिला. साथ ही रांची के कुछ अधिकारियों का ई मेल. अब वह जल्द से जल्द वतन आना चाहते हैं.
एक नजर में जानें कौन युवा कहां फंसे
मो. हसन (मकदमपुर)
मो. गुलाम, मो. इम्तियाज़, मो. सगीर (तीनों मानगो आजादबस्ती)
मो. सरफराज (सीकेपी) सभी कतर के सनईया 38 सेक्टर में फंसे हैं.
मो. तोहिद, मो. इमरान (दोनों मकदमपुर)
वसीम खान (मानगो आजादबस्ती) इनके अलावा अन्य 20 युवा दुबई में फंसे हैं.