सरयू राय विधानसभा में शासन की चरमराई स्थिति को जोर-शोर से उठाएंगे, नगरपालिकाएं योजनाओं पर कुंडली मार कर बैठी हैं-सरयू राय
मुख्यालय, जिला स्तर पर योजनाओं की प्रापर मॉनिटरिंग नहीं हो रही है
सीएम, डीएम और एसएसपी को और सख्त होकर प्रशासन को सख्त बनाना होगा
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि वह विधानसभा में राज्य सरकार के शासन व्यवस्था की चरमराई हुई स्थिति का मामला जोर-शोर से उठाएंगे। वह इसका संकेत मुख्यमंत्री को भी एक विशेष अवसर पर दे चुके हैं। राय ने कहा कि वह हेमंत सोरेन से आग्रह कर चुके हैं कि राज्य के विकास के लिए शासन की व्यवस्था को सक्षम, गतिशील और जिम्मेदार बनाना जरूरी है अन्यथा पूर्व के वर्षों की तरह आने वाले हर वर्ष में बजट के माध्यम से और तीन अनुपूरक बजटों के माध्यम से सरकार अरबों रुपये योजनाओं के क्रियान्वयन एवं प्रशासन के सुदृढ़ीकरण पर खर्च करती रहेगी लेकिन इसका कोई ठोस नतीजा नहीं निकलेगा।
यहां जारी एक बयान में सरयू राय ने कहा कि इस बीच उन्हें बिहार, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में भ्रमण करने का मौका मिला। उन्होंने अनुभव किया कि इन राज्यों में शासन की व्यवस्था इतनी तत्पर है कि वहां जनहित के बड़े-बड़े काम निर्धारित अवधि में हो जा रहे हैं। अपने झारखंड में चाहे बड़ी योजनाएं हों या जिला-प्रखंड स्तर की योजनाएं हों, वो पूरा होने का नाम ही नहीं लेतीं।
उन्होंने बताया कि झारखंड विधानसभा का पूरक मानसून सत्र आगामी 22 अगस्त से आरंभ हो रहा है। इसमें 25, 26 और 28 अगस्त के तीन दिनों में विभिन्न विषयों पर विधायकों को अपना विचार रखने का मौका मिल रहा है। विशेषकर 25 अगस्त को झारखंड सरकार के प्रथम अनुपूरक बजट पर बहस के दौरान राज्य सरकार के शासन-प्रशासन तथा योजनाओं के क्रियान्वयन पर विधायकों और पार्टियों के विधायक दल के अध्यक्ष द्वारा निर्धारित समय के अनुसार अपना सुझाव प्रस्तुत करेंगे।
सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर का उन्हें विशेष अनुभव है। यहां की नगरपालिकाएं योजनाओं पर कुंडली मार कर बैठ जाती हैं। गली, नाला-नालियों एवं मोहल्लों की सफाई का मामला हो या पेयजल आपूर्ति का, अन्य जन सुविधाओं का मामला हो या विधायक एवं सांसद निधि का, जिला योजना से निर्धारित की गईं योजनाओं के क्रियान्वयन का मामला हो या अन्य कोई प्रसंग, इन सभी मामलों में नगरपालिकाओं की स्थिति अत्यंत लचर है। हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
टाटा स्टील की नगर निकाय और सरकार की नगर निकायों में कोई समन्वय नहीं है। हाट-बाजार हों या सड़कों पर ठेला-खोमचा लगाने की बात हो या फिर विशेष सामाजिक-सांस्कृतिक-मांगलिक कार्यक्रमों को संपन्न कराने की बात हो, हर जगह लगता है कि समस्या सुलझने की बदले घनीभूत होती जा रही है।
राय ने बयान में कहा कि योजनाओं के लंबित रहने का अथवा इनकी गुणवत्ता में कमी रहने का मुख्य कारण सरकार के मुख्यालय स्तर पर और जिला स्तर पर योजनाओं की मॉनिटरिंग तथा इनकी सर्वांगीण एवं बहुआयामी अनुरक्षण एवं पर्यवेक्षण में कमी होना इसका मुख्य कारण है। वह सत्र में अपने भाषण के दौरान राज्य सरकार, खास कर मुख्यमंत्री को सलाह देंगे कि मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) तथा जिला उपायुक्त कार्यालय में योजनाओं की मॉनिटरिंग की सक्षम व्यवस्था करें और शासन-प्रशासन को नियमानुसार संचालित करना सुनिश्चित करें।
सरयू राय ने कहा कि पुलिस विभाग में तो ऐसा लगता है कि थाना स्तर पर ही अराजकता फैली हुई है। जब तक मामले को वरीय पुलिस अधीक्षक के सामने नहीं ले जाया जाता, तब तक थाना स्तर पर सही कार्य होना मुश्किल हो गया है। इसका नतीजा है कि कतिपय थाना क्षेत्रों में जुआ, मटका, अवैध शराब, अवैध वसूली और अवैध कार्य करने वालों को सहूलियत देने की होड़ लग गई है।
सरयू राय ने कहा कि उनके पास कई दिनों से एक विचित्र शिकायत आ रही है कि जमशेदपुर में चलने वाली अवैध गतिविधियों में शामिल व्यवसायियों और संबंधित थानेदार के बीच पूर्ववर्ती विधायक के कार्यकाल में लेन-देन की एक सीमा निर्धारित कर दी गई थी। जबसे वह (सरयू राय़) विधायक बने हैं, कतिपय थाना क्षेत्रों से रिपोर्ट आ रही है कि एकाध थानेदार पूर्व के समझौता सीमा से डेढ़ गुणा-दोगुना वसूली अवैध व्यवसाय में लगे लोगों से करने लगे हैं। लोगों ने उनसे आग्रह किया कि वह अपने प्रभाव का उपयोग करके पूर्ववर्ती विधायक के कार्यकाल में लेन-देन की जो सीमा निर्धारित की गई थी, उससे अधिक वसूली ऐसे थानेदारों द्वारा नहीं करने दें। जब श्री राय ने कहा कि इस मामले को वह वरीय पुलिस अधीक्षक के सामने उठाएंगा, तो पैरवी करने वालों को सांप सूंघ गया। वे कहने लगे कि इस तरीके से तो हम लोगों का धंधा ही बंद हो जाएगा।
राय ने कहा कि ऐसा यदि जमशेदपुर में हो रहा है तो राज्य के अन्य जिलों में भी हो रहा होगा। मुख्यमंत्री, जिला उपायुक्त एवं वरीय पुलिस अधीक्षक को इसका संज्ञान लेकर अपने-अपने स्तर पर शासन की व्यवस्था को अधिक सक्षम और जिम्मादार बनाना पड़ेगा ताकि अरबों रुपये के आवंटन से लागू होने वाली योजनाएं सही आकार ले सकें और अवैध गतिविधियों चाहें वो व्यावसायिक क्षेत्र की हों या अपराध क्षेत्र की, उन पर लगाम लगाई जाए। मालूम हो कि इससे पूर्व विधायक सरयू राय अवैध कार्यों की लिस्ट एसएसपी को ना देकर डीसी को दे चुके हैं.