जमशेदपुर।

टाटानागर स्टेशन में रेल की जमीन के खेल में बुधवार को एक रेलकर्मी ने खुद को आग के हवाले कर दिया. आग से झूलसे रेलकर्मी ने पाचवें दिन रविवार सुबह पांच बजे अंततः जिंदगी से जंग हार ली. ईलाज के क्रम में उसकी मौत हो गई. इस घटना के बाद परिवार में मातम पसर गया. पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रही है.

मालूम हो कि बागबेड़ा ट्रैफिक कॉलोनी निवासी रेलवे कर्मचारी एसके पिल्ले ने खुद पर केरोसिन छिड़ककर आग लगा ली थी. घटना के बाद एसके पिल्ले के बेटे ने उसे तत्काल इलाज के लिए रेलवे अस्पताल पहुंचाया. जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए टीएमएच रेफर कर दिया गया था. एसके पिल्ले 60 प्रतिशत तक जल चुकें थे. एसके पिल्ले टाटानगर इलेक्ट्रिक लोको शेड में सीनियर टेक्नीशियन के पद पर तैनात थे.

बेटी मनीषा ने बताया उस वक्त बताया था कि उनके दादा रामनाथ पिल्ले ने रेलवे की जमीन लीज पर ली थी. दादा के मरने के बाद पिता के नाम पर जमीन थी. साल 2011 में उक्त जमीन को कब्जा कर ओम प्रकाश (प्रकाश दुकान) नामक व्यक्ति को बेच दिया गया. इसको लेकर पिता ने साल 2021 में केस भी फाइल किया है. ओम प्रकाश अक्सर उक्त जमीन पर निर्माण कार्य करवाने का प्रयास करता रहा, पर कोर्ट में केस चलने के कारण वह काम नहीं करवा पा रहा था. उसी विवादित जमीन पर ओम प्रकाश के घर का निर्माण कार्य करवाने के लिए आरपीएफ और रेलवे लैंड डिपार्टमेंट के लोग आए थे. उनके द्वारा काम करवाया जा रहा था. इस दौरान उनकी मां नीरू पिल्ले ने खुद पर केरोसिन छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया, पर आरपीएफ ने सभी को पकड़कर थाने में बंद कर दिया. इसी बीच शाम को खबर मिली की पिता ने आत्मदाह कर लिया था.

पिल्ले ने परिवार के समक्ष एक वीडियो जारी कर कहा था कि आरपीएफ और लैंड डिपार्टमेंट को प्रकाश द्वारा पैसे खिलाकर काम करवाया जा रहा है. आरपीएफ उन्हें और उनके परिवार को परेशान कर रही है. इसकी शिकायत ट्वीट के माध्यम में रेल मंत्री और रेल मंत्रालय के अलावा डीआरएम को भी की, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. आज तंग आकर उन्होंने खुद को आग लगा ली थी. अब यह मामला हाई प्रोफ़ाइल बन गया है. हालांकि कहा जाता है कि उक्त जमीन की पावर ऑफ एटर्नी विक्रमा तिवारी के पास है. खैर अब इसकी जांच होगी या मामले में लीपापोती होगी यह जांच का विषय है.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version