जमशेदपुर के भी सिख आक्रोशित, कमेंट में आ रही तीखी प्रतिक्रिया, सिख भाजपा नेत्री ने ही उठाया मुद्दा
चरणजीत सिंह.
गुरुवार की सुबह सोशल मीडिया पर एक पोस्ट आई, जिसमें सिखों के धार्मिक मामलों को बिना सोचे समझे भाजपा के जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने पोस्ट किया, जिसके बाद सिख समाज आक्रोशित हो उठा है. जमशेदपुर के बाहर भी सिख इस मुद्दे को लेकर भड़के हुए है. पंजाब प्रांत में जिला अध्यक्ष को केस करने की चेतावनी भी दी गई है.
दरअसल, भाजपा जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा ने अपने सोशल मीडिया फेसबुक पर पांच घंटे पहले एक पोस्ट किया है. जिसमें उन्होंने सिखों के दसवें गुरु श्री गोबिंद सिंह पर एक वाक्य लिखते हुए कहा कि वह सैनिकों में उत्साह भरने के लिए जो भाषण देते थे. उनका संग्रह “चंडी दी वार” कहलाता है. उसमें लिखे कुछ दोहे इस प्रकार हैं…
“मिटे बांग सलमान सुन्नत कुराना
जगे धर्म हिंदून अठारह पुराना
यहि देह अंगिया तुरक गहि खपाऊं
गऊ घात का दोख जग सयों मिटाऊँ…।”
बस फिर क्या था. इस बात पर सीधा हमला करते हुए भाजपा की सक्रिय महिला नेत्री जिला कार्यसमिति सदस्य एवं सोशल मीडिया प्रभारी जुगसलाई निवासी अरविंदर कौर ने पकड़ लिया और उन्होंने जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा पर सिख धर्म की भावना को ठेस करने वाली पोस्ट डालने का मुद्दा उठाया और इसका विरोध कर दिया.
अरविन्दर कौर ने सोशल मीडिया में जिला अध्यक्ष को जवाब देते हुए नसीहत दी और कहा कि…
वाहेगुरु जी दा ख़ालसा वाहेगुरू जी दी फतेह.
हमारे माननीय जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा जी ने एक पोस्ट डाली जो हमारे दसवीं पातशाही श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की रचना चंडी की वार से लिखे हुए बोल बताये हैं, जो कि बिल्कुल गलत है. उनको सिखो के श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के बारे सारी जानकारी ले लेनी चाहिए थी.
आप ऐसे ही कोई भी पोस्ट गलत लाइन बनाकर नहीं कर सकते. पहले तो ये की ये जो लाइन है वो (चंडी की वार) में है ही नहीं. दूसरा चंडी की वार में जो लिखा गया है वो दुर्गा जी की राक्षसों के साथ संघार की कविता है. उसमें मुस्लिमों को कहीं संबोधित नहीं किया गया. दूसरा गुरु गोबिंद सिंह जी अन्याय के खिलाफ थे, न कि किसी धर्म के खिलाफ.
मैं किसी पर ऐसे ही उंगली नहीं उठाती. इसके लिये विद्वानों से बात की. उनसे पूछा कि कहां तक ये 4 लाइन ठीक है. सबके जवाब यही थे कि ये हमारे किसी भी ग्रंथ साहिब में नहीं है, तो आप अपनी मर्ज़ी न करें. कुछ भी सिख धर्म के लिए आपको पोस्ट करना है तो कम से कम किसी गुरुद्वारा के ग्रंथी जी से कन्फर्म करवा लें. अगर मैंने कुछ गलत बोला हो तो आप सभी खुद मार्गदर्शन करें.
आपको बता दें कि जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा जब से अपने पद पर बनें हैं किसी ना किसी बात को लेकर विवाद में रहे हैं. कार्यकर्ताओं का अपमान करने के लिए उन्हें ख्याति मिली हुई है. इस मामले में अरविंदर कौर के विरोध का बहुत से लोग समर्थन कर रहे हैं और मांग हो रही है कि वह सर्ववजनिक रूप से माफी मांगे. अरविंदर कौर ने इसे बड़े सिख नेताओं समेत भाजपा के वरीय नेताओं को मिलाकर 80 लोगों को अपनी आपत्ति टैग की है. सिख भाजपा नेताओं से इस बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह मामले को लेकर गोलबंद हो रहे हैं और जिला अध्यक्ष पर पार्टी नेताओं से कार्रवाई की मांग करने की बात कही है. दूसरी ओर इस पोस्ट को जिला अध्यक्ष ने उस वक्त डिलीट भी कर दिया है, जब उन्हें लगा कि वह विवादों में घिर रहे हैं, हलांकि लोगों की मांग है कि वह सार्वजनिक रूप से माफी मांगे.
किसी को भी धार्मिक मामलों में बिना सोचे समझे नहीं पढ़ना चाहिए : अरविन्दर
भाजपा नेत्री अरविन्दर कौर ने फतेह लाइव को बताया कि गुरुवार को दिन में जब जिला अध्यक्ष ने विवादित पोस्ट किया तो वह धर्म गुरुओं से संपर्क में गई और इसकी पड़ताल की. किसी ने भी इसे सही नहीं बोला. जिला अध्यक्ष ने जो पोस्ट किया वह सीधे रूप से धार्मिक भावना को ठेस करने का मामला बनता है. सुधांशु ओझा ने भले ही वह पोस्ट डिलीट कर दी है, लेकिन उन्हें इस मामले पर सिख समाज से माफी मांगनी चाहिए वह भी सार्वजनिक रूप से. उन्होंने कहा कि चाहे मैं हूं या कोई भी किसी के धार्मिक मामलों को बिना जाने कुछ नहीं लिखना चाहिए. पार्टी के वरीय नेताओं को इसपर कार्रवाई करनी चाहिए.