टाटानगर रेलवे स्टेशन की पार्किंग पर भी है कब्ज़ा, गत दिनों जेएनएसी में ऑफलाइन टेंडर के दौरान हथियार से लैश होकर जुटे थे असामाजिक तत्व
जमशेदपुर के इतिहास में पहली बार एमएसटीसी के तहत हुआ टेंडर, साकची भोला महाराज पार्किंग कांग्रेस नेता के कब्जे में, अन्य पार्किंग टेंडर गए खाली
फतेह लाइव, रिपोर्टर.


























जमशेदपुर में जेएनएसी के अधीन संचालित शहर की करीब 10 पार्किंगों में शुमार साकची बसंत पार्किंग को करीब एक करोड़ से ज्यादा में लेकर शैल इंजीनियरिंग के संचालक मेसर्स राजेश सिंह ने कब्ज़ा करके विरोधियों को जोर का झटका दिया है. प्रबंधन द्वारा पहली बार एमएसटीसी के तहत टेंडर प्रक्रिया करानी पड़ी थी, क्यूंकि पिछले दिनों ऑफलाइन टेंडर के दौरान जेएनएसी के बाहर हथियारों से लैश होकर असामाजिक तत्व के लोग जुट गए थे. एमएसटीसी की प्रक्रिया में ऑनलाइन टेंडर भरा जाता है, जिसमें झारखंड के किसी भी कोने से ठेकेदार इसमें भाग ले सकते थे. जानकारी के अनुसार साकची बसंत पार्किंग ठेकेदारों के लिए मूंछ की लड़ाई बन चुकी थी. इसे ठेकेदार राजेश सिंह ने 98 लाख की बोली लगा डाली, जबकि पिछले साल इसका बजट मात्र 50 लाख रूपये था. मालूम हो कि राजेश सिंह द्वारा रेलवे पार्किंग भी संचालित की जाती है. बसंत पार्किंग को लेकर दूसरे ठेकेदारों की मंशा थी कि वह अपना केडेनसियल बनाकर रेलवे में भी हाथ पाँव मारते, लेकिन उनकी मंशा पर राजेश सिंह ने पानी फेर दिया.
उधर, साकची बाजार स्थित भोला महाराज की पार्किंग को करीब 21 लाख से ज्यादा में लेकर कांग्रेस नेता शिबू ने कब्ज़ा किया है. अन्य विभिन्न पार्किंग का टेंडर खाली गया. अब उसे पूर्व की तरह डिपार्टमेंटल चलाया जायेगा. बस स्टैंड की पार्किंग भी सात सालों से विभागीय चल रही है. इस कारण सरकार को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्यूंकि एन केन प्रकरण विभागीय पार्किंग संचालन से हिसाब किताब भगवान भरोसे चल रहे हैं.
इधर अब जब बसंत पार्किंग रेट दोगुना हो गया है, तो उपभोक्ताओं से कड़ाई से वसूली की जाएगी. ठेकेदार अपनी लागत निकालने के लिए ऐसा करेंगे, इससे इनकार नहीं किया जा सकता, जिसका जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. जहां तहां वाहन पार्किंग करने वालों को फाइन लगाया जायेगा. बहरहाल, बसंत पार्किंग में दोबारा कब्ज़ा आने के बाद आतिशबाजी कर जहां जश्न मनाया गया, वहीं लोगों का मुंह मीठा भी कराया गया.