• घाटों की खराब स्थिति पर जताया असंतोष, श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था सुधार की मांग

फतेह लाइव, रिपोर्टर

जमशेदपुर में चैती छठ महापर्व और रामनवमी शोभायात्रा की तैयारियों के बीच केंद्रीय रामनवमी अखाड़ा समिति के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को शहर के विभिन्न प्रमुख घाटों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान समिति ने घाटों की दयनीय स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया और जिला प्रशासन से तत्काल युद्धस्तर पर मरम्मत और सफाई कार्य शुरू करने की मांग की. समिति के अध्यक्ष आशुतोष सिंह ने बताया कि एक माह पूर्व ही वरीय अधिकारियों को आवेदन सौंपा गया था, जिसमें घाटों की मरम्मत, सफाई और सुरक्षा इंतजाम की मांग की गई थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है.

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स्वर्णरेखा घाट की स्थिति सबसे खराब पाई गई

निरीक्षण के दौरान स्वर्णरेखा घाट की स्थिति सबसे खराब पाई गई. यहां नए पुल के निर्माण के कारण विसर्जन स्थल का अतिक्रमण हो गया है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए रास्ता कठिन हो गया है. चारों ओर फैले निर्माण सामग्री के अवशेष रास्ते को अवरुद्ध कर रहे हैं, और नदी घाट से निकलने वाले रास्ते का ढलान भी असुरक्षित है. इस स्थिति से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसके अलावा सती घाट और सब स्टेशन घाट के मुख्य द्वार पर तीन बड़े गड्ढे खुदे हुए हैं, जो मूर्ति विसर्जन की प्रक्रिया को बाधित कर सकते हैं.

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कपाली और पांडे घाट की स्थिति भी चिंताजनक

कपाली घाट और पांडे घाट की स्थिति भी अत्यंत दयनीय पाई गई. इन घाटों पर तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि लाइटिंग टावर स्थल पर लोहे के बड़े-बड़े गार्डर पड़े हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बढ़ गई है. इसके अतिरिक्त, नदी का जलस्तर बहुत कम होने के कारण मूर्ति विसर्जन में परेशानी हो सकती है. समिति ने प्रमुख घाटों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए क्रेन की व्यवस्था करने की भी मांग की है.

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