फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के सिख समाज और खासकर गुरुद्वारों में आपसी विवाद को लेकर अजब गजब स्थिति बनी हुई है. गुरुद्वारों की प्रधानगी पाने के लिए गुटबाजी जहां हावी होती जा रही है. वहीं, संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. एक दूसरे को नीचा दिखाया जा रहा है. अब तो आलम यहां तक हो गया है कि कोल्हान की सर्वोच्च संस्था सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को भी ठेंगा दिखाया जाने लगा है. रविवार को बारीडीह गुरुद्वारा के मसले पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला.
जब सीजीपीसी से अवैध घोषित किये गए श्री गुरु नानक सभा बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान के रूप में कुलदीप सिंह गिल का अभिनंदन किया गया. एक सामूहिक कार्यक्रम में भी कुलदीप को सरोपा देकर एन केन प्रकरण सीजीपीसी को ठेंगा दिखाया गया, क्यूंकि उस वक्त वहां सीजीपीसी के अधिकारी भी मौजूद थे.
कुलदीप सिंह और उनके समर्थकों द्वारा यह सम्मानित कार्यक्रम किये जाने को लेकर सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह का पक्ष जानने के लिए उन्हें फोन किया गया, लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला ने यह जरूर कहा कि कुलदीप को मान्यता नहीं दी गई है. उनके जवाब तलब करने की मियाद भी पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 22 जून को आम सभा में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा.
बहरहाल, सिख समाज के बीच चल रही आपसी खींचतान यह साफ संदेश देने लगी है कि अब सीजीपीसी में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. गत लोस चुनाव के दौरान शुरू हुई खिंचतान बढ़ती चली जा रही है, जो समाज में हाशिया का कारण बन रही है.
सीजीपीसी का नोटिस फाड़ा गया
बताया जाता है कि रविवार को बारीडीह गुरुद्वारा में सीजीपीसी द्वारा बुलाई गई आमसभा के नोटिस को वहां एक पक्ष द्वारा फाड़ा गया. जब इसकी सूचना प्रधान को मिली तो वह खुद अपने साथ बिल्ला, अमरजीत सिंह, सुखविंदर राजू और सुरजीत सिंह को लेकर गए और दोबारा नोटिस साटा गया. इस घटनाक्रम में भी सीजीपीसी को ठेंगा दिखाने का कार्य किया गया.
सीजीपीसी ने कई गुरुद्वारों में लंबित चुनाव भी एक कारण
शहर के विभिन्न गुरुद्वारों का चुनाव लंबित है. समाज में गुटबाजी का एक कारण यह भी माना जा रहा है. यह चर्चा आम हो गई है कि सीजीपीसी ने यहां मामले क्यों लटकाये हुए हैं. दरअसल, एक बड़े नेता की राजनीति इन पर टिकी हुई है. लेकिन ऐसा होने से भगवान सिंह कमजोर पड़ रहे हैं, क्यूंकि आगामी चुनाव में इनका स्पोर्ट उन्हें नहीं मिलने वाला. खैर, अब देखने वाली बात होगी कि प्रधान भगवान सिंह इस मामले में क्या स्टैंड लेते हैं.
बिरसानगर कमेटी ने किया सम्मानित
सीजीपीसी से कन्नी काट चुकी बिरसानगर गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान परमजीत सिंह रोशन ने शॉल ओढ़ाकर कहा कि बारीडीह और बिरसानगर की संगत के बीच कभी फर्क नहीं किया गया है। हम अच्छे पड़ोसी हैं और एक परिवार भी है। एक दूसरे के दुख सुख में साथ रहे हैं और साथ रहेंगे।
टूइलाडूंगरी गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व प्रधान जसवीर सिंह पदरी, सतपाल सिंह सत्ते ने भी प्रधान को बधाई देते हुए हर प्रकार से सहयोग करने का आश्वासन दिया।
वहीं नए प्रधान ने कहा कि उन्हें जो सेवा संगत ने सौंपी है, पूरी निष्ठा के साथ काम करेंगे और किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करेंगे।
इस मौके पर करतार सिंह, मोहन सिंह, निर्मल सिंह हरभजन सिंह, हरजिंदर सिंह रिंकू, बंटी सिंह, राजेंद्र सिंह तरसिका, गुरसेवक सिंह, हुअमृत सिंह गिल, सतनाम सिंह सुखविंदर सिंह एवं अन्य उपस्थित थे।