फतेह लाइव, रिपोर्टर.
सीजीपीसी के पूर्व प्रधान सह झारखंड सिख समन्वय समिति के संरक्षक गुरमुख सिंह मुखे ने बयान जारी कर कहा कि सीजीपीसी जल्द से जल्द एक पांच या छह मेंबरी कमेटी बनाकर जिन गुरुद्वारा साहिब की कमेटी में विवाद है, उसको सुलझाए.
कमेटी बनाने से पहले इस बात का ध्यान रखा जाए कि वैसे किसी व्यक्ति को कमेटी में शामिल न करें, जो व्यक्ति फूट डालो और राज करो कि राजनीति करता हो.
वैसे लोग जो शुरू से दो पक्ष को लड़वाकर अपनी राजनीति रोटियां सेकते हैं, उन्हें दूर रखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि जो कमेटी बने, सीजीपीसी विरोधी गुट से भी लोगों को साथ ले. सीजीपीसी को बड़ा दिल कर यह कदम उठाना चाहिए, क्योंकि इस तरह की घटनाओं से समाज और सीजीपीसी की साख पर लगे दाग मिटाए जा सके.
उन्होंने कहा कि सीजीपीसी में कुछ ऐसे लोग विराजमान है जो शुरू से ही पहले प्रधान बनाने मे साथ देते हैं और फिर चाहते हैं कि उन्हीं की बात पर तवज्जो दे अन्यथा पर्दे के पीछे से सीजीपीसी को कैसे उलझाए रखे, जिससे कि उनकी गोटी लाल होती रहे. उन्होंने कहा कि साकची गुरुद्वारा कमेटी के चुनाव में दो बड़े नेता अपने घर में दोनों गुट के लोगों से बुलाकर मिलते रहे.
22जून के चुनाव से पहले 21जून को बैठक बुलाकर अच्छा प्रयास था लेकिन बैठक में शामिल लोगो को क्या पता था कि जो लोग सब कुछ करवा रहे है एजेंडा तय पहले ही कर चुके हैं, जो दो बड़े नेता उस दिन मामला सुलझाने के लिए आए थे इससे पहले अपने घर पे दोनों गुट के लोगों को मिल रहे थे.
हम सबों को सिख कौम की एकजुटता करने की जरूरत है, जो हो चुका उस को भुला कर एक साथ आने की बात करें. जो लोग एक जुट होने में बाधा बन रहे है, उनसे दूरी बनाएं. मेरा मानना है कि हर समस्या का हल है बशर्ते दिल से कोशिश करे न कि दिमाग से, निश्चित रूप से कुछ लोगों के व्यक्ति गत मामले न्यायालय में चल रहे है उस मामले को नहीं छेड़ना चाहिए. उस पर न्यायालय का फैसला मान्य होना चाहिए. मैं फिर एक बार कहूंगा कि समाज के लिए सीजीपीसी सिरमौर संस्था है इसमें कुछ लोग अपनी राजनीति रोटियां सेंक रहे हैं, उनको कोई मतलब नहीं है. समाज से केवल किसी भी तरह उनकी तस्वीर प्रतिदिन अखबार में आनी चाहिए. चाहे मामला कोई भी हो. मेरी बात से किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं समाज से माफी चाहता हूं.