ज्ञान के साथ चरित्र निर्माण, यही जीवन की पूंजी और शिक्षा का लक्ष्य: भगवान सिंह

जमशेदपुर.

सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) के प्रधान भगवान सिंह ने मेधावी बच्चों को “भाई गुरदास जी सम्मान” देते हुए कहा कि छात्र-छात्राओं का ज्ञान अर्जन के साथ चरित्र निर्माण ही जीवन की पूंजी और शिक्षा का लक्ष्य होता है. भगवान सिंह ने उक्त बातें सीजीपीसी द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहीं.
रविवार को साकची स्थित सीजीपीसी कार्यालय में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में कुल 82 सिख बच्चे जिन्होंने आईसीएसइ, सीबीएसई एवं जैक बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया उन्हें “भाई गुरदास जी सम्मान” समारिका और सिख रहत मर्यादा की प्रति देकर सम्मानित किया गया.


सम्मान समारोह में अव्वल आये बच्चों को मुख्य अतिथि भगवान सिंह के अलावा शिक्षा विंग के अधिकारी कुलविंदर सिंह पन्नू, सरदार शैलेंद्र सिंह, गुरमीत सिंह तोते, परविंदर सिंह सोहल, महासचिव अमरजीत सिंह व सुखवंत सिंह सुखु ने भी बच्चों का सम्मान किया.


समारोह के आयोजनकर्ता अमरजीत सिंह व कुलविंदर सिंह पन्नू ने कहा शिक्षा के विकास के लिए और भी कदम उठाये जाने की आवश्यकता है, जिसके तहत सीजीपीसी ने 11वीं और 12वीं तक की कक्षा के विद्यार्थियों के लिये निःशुल्क कोचिंग की घोषणा की गई है, जिसका पंजीकरण चल रहा है. परविंदर सिंह सोहल ने कहा इच्छुक छात्र सीजीपीसी कार्यालय में अपना पंजीकरण जल्द सुनिश्चित करें.

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मुख्यरूप से भगवान सिंह की अगुवाई में अमरजीत सिंह, कुलविंदर सिंह पन्नु, गुरमीत सिंह तोते, परविंदर सिंह सोहल, गुरचरण सिंह बिल्ला, सुखवंत सिंह सुखु, सरदार शैलेन्द्र सिंह, सूखदेव सिंह बिट्टू, गुरनाम सिंह बेदी, चंचल सिंह, सुरेन्द्र सिंह छिंदे, कुलदीप सिंह बूगे, जगतार सिंह नागी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

Share.
© 2025 (ਫਤਿਹ ਲਾਈਵ) FatehLive.com. Designed by Forever Infotech.
Exit mobile version