झारखंड आंदोलन के प्रेरणा, संघर्ष, साहस और जन सेवा के प्रतीक थे दिशोम गुरु : सरदार शैलेंद्र सिंह

फतेह लाइव, रिपोर्टर. 

झारखंड राज्य के जनक दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन पर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यालय में एक शोक सभा का आयोजन किया गया. सर्वप्रथम विभिन्न गुरुद्वारा कमेटी द्वारा स्वर्गीय शिबू सोरेन की तस्वीर पर फूल माला अर्पित की गई और दो मिनट का मौन रखकर गुरूजी को श्रद्धांजलि दी गई.

इस मौके पर अपने संबोधन में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह ने कहा कि देश ने एक महान नेता को खो दिया है. हम सभी के वह मार्गदर्शक थे. उनके निधन से झारखंड को अपूर्णिय क्षति हुई है.

चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह ने कहा की गुरु जी झारखंड अलग राज्य के जननायक थे. उनके संघर्ष का परिणाम है कि झारखंड राज्य अलग बनाया गया और आदिवासियों को उनका हक मिला.

शोक सभा में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भगवान सिंह, चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह, उपाध्यक्ष चंचल सिंह, अमरजीत गांधी, हरविंदर सिंह मंटू, महासचिव अमरजीत सिंह, गुरचरण सिंह बिल्ला, कोषाध्यक्ष गुरनाम सिंह, गौरी शंकर रोड गुरुद्वारा के प्रधान सुरेंद्र सिंह, प्रधान महेंद्र पाल सिंह, प्रधान लखविंदर सिंह, प्रधान रणजीत सिंह मथारू, प्रधान रविंद्र सिंह, प्रधान मलकीत सिंह, प्रधान जगजीत सिंह गांधी, महासचिव बलकार सिंह, अजीत सिंह गंभीर, सलाहकार सुरजीत सिंह खुशीपुर, बलदेव सिंह, सरबजीत सिंह बाऊ, पलविंदर सिंह, गुरजीत सिंह पिंटू, परमजीत सिंह पम्मा, कुलवंत सिंह, सुखवंत सिंह, सुखविंदर सिंह, सुखदेव सिंह बिट्टू, हरदीप सिंह छनिया, हरजीत सिंह लाडी, गुरदयाल सिंह, सरबजीत सिंह ग्रेवाल, सुरेंद्र सिंह शिंदे, जसवंत सिंह जस्सू, हरदीप सिंह दीपी, दर्शन सिंह काले, जुगनू सिंह, जितेंद्र सिंह शालू, सन्नी सिंह, विक्की सिंह, अमृतपाल सिंह, सेंट्रल नौजवान सभा के महासचिव सुखवंत सिंह, स्त्री सत्संग सभा की प्रधान रविंदर कौर, चेयरमैन कमलजीत कौर, दलबीर कौर, महासचिव सुखवंत कौर, परमजीत कौर आदि कई लोग शामिल थे.

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