फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर में अलकायदा के संदिग्ध आतंकी के मामले में एडीजे-वन विमलेश कुमार सहाय की अदालत शुक्रवार को फैसला सुना दिया. फैसले में कोर्ट ने सभी आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इन मामलों में मानगो के मौलाना कलीमुद्दीन मुजाहिद, कटक (ओडिशा) के मोहम्मद अब्दुल रहमान अली खान उर्फ मौलाना मंसूर और धातकीडीह के अब्दुल शामी आरोपी थे.

यह मामला 2016 का है. तत्कालीन बिष्टुपुर थाना प्रभारी जीतेंद्र सिंह की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी. दिल्ली स्पेशल टीम से मिली जानकारी के आधार पर धातकीडीह निवासी अहमद मसूद अकरम शेख से पूछताछ की गई. 25 जनवरी 2016 को दूसरी पूछताछ में उसने आतंकी संगठन से जुड़े होने की बात स्वीकार की.

मसूद ने खुलासा किया था कि 2003 में साकची में उसकी पहली मुलाकात अब्दुल रहमान उर्फ कटकी से हुई. कटकी ने सऊदी अरब में जिहादी प्रशिक्षण लिया था. मानगो निवासी राजू उर्फ नसीम अख्तर ने मसूद को हथियार दिया था। पुलिस ने मसूद के घर से एक लोडेड पिस्तौल बरामद की.

जांच में पता चला था कि कलीमुद्दीन का घर संगठन का अड्डा था. वहां से युवाओं को संगठन में भर्ती किया जाता था. मसूद ने यह भी बताया कि धातकीडीह निवासी अब्दुल शामी पाकिस्तान में प्रशिक्षण ले चुका है. मामले में कुल 16 गवाहों की गवाही दर्ज की गई थी.

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