Manprit Singh.

जमशेदपुर।

सीपी कबीर क्लब की महिला समिति की अध्यक्ष देवकी साहू की अध्यक्षता में कार्यक्रम टुईलाडुंगरी स्थित क्लब प्रांगण में सोमवार को हरेली का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया. यह त्यौहार प्रकृति और खेती को समर्पित है. हरेली त्यौहार के पहले तक किसान अपनी फसलों की बुआई और रोपाई का काम पूरा कर लेते हैं. छत्तीसगढ़ी समाज का पहला त्यौहार (हरेली) सावन महीना की अमावस्या तिथि को बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं. जिस दिन हर घर में विशेष व्यंजन बनाया जाता है.

सुबह से बैल को नहला कर आकर्षक श्रृंगार किया जाता है. उसकी पूजा करके आटे की लोई में नमक डालकर खिलाते हैं. सुबह से ही बैगा (ओझा) नीम का पत्ता नीम (डाला) घर -घर जाकर दरवाजा में लगाते हैं, फिर बैगा (ओझा) को दान पुण्य किया जाता है. उस दिन कृषि उपकरण जैसे, नागर, रापा, कुदारी, हसिया, बसला, धमेला, साबल, कुल्हाड़ी आदि की पूजा की जाती है.

पूजा में नारियल, पान, सुपारी, फूल चढ़ाकर आटा के घोल से हाथा देकर बंधन लगाते हैं. प्रसाद के रूप में चीला, गलगुला चढ़ाया जाता है. उसी दिन के प्रसाद को लेकर पिता या भाई के द्वारा बेटी को पहला तीज मायके लिवाने की परंपरा है. हरेली के दिन पुरुषों के द्वारा गेड़ी (बांस से निर्मित) बनाकर उस पर चढ़ा जाता है. गांव-गांव में इसका आयोजन भी किया जाता है.

 

कार्यक्रम में देवकी साहू, हेमा साहू, नीतू साहू, जमुना देवी, बेबी, पुष्पा, मैना देवी, सावित्री, अनीता, रानी, सरस्वती साहू, ज्योति, ललिता, जुगबती, रूपा आदि शामिल थे.

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