• कम समय में फसल उगाने की नई तकनीक से किसानों को होगा बड़ा लाभ

फतेह लाइव, रिपोर्टर

आटी पुआल मशरुम प्राईवेट लिमिटेड कंपनी वंदोवान के एमडी डॉक्टर अमरेश महतो का स्टार्टअप अब किसानों के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आया है. उन्होंने 13 दिन में धान के पुआल से स्ट्रॉयड मशरुम उगाने का सफल परीक्षण किया है, जो केवल बरसात के मौसम में होता था. डॉक्टर महतो के अनुसार, अब इसे गर्मी और सर्दी के मौसम में भी उगाया जा सकता है और यह मशरुम महीने में दो बार, सालभर उगाया जा सकता है. इस नई तकनीक के कारण किसानों को कम पूंजी, कम मेहनत और कम समय में अधिक मुनाफा प्राप्त हो सकता है.

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डॉक्टर महतो के मार्गदर्शन में सैकड़ों किसानों ने इस नई तकनीक को अपनाया है, और यह तकनीक बेहतर परिणाम दे रही है. एन एच 33 स्थित चांदनी चौक से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित लुआबासा गांव के प्रगतिशील किसान शक्ति नाथ महतो ने बताया कि उन्होंने डॉक्टर महतो की तकनीक से अपने दो बीघा जमीन में मशरुम की खेती शुरू की, और सिर्फ 12 से 13 दिन में फसल तैयार हो गई. शक्ति नाथ महतो ने बताया कि यह तकनीक किसानों की तक़दीर बदल सकती है क्योंकि बाजार में इस मशरुम की डिमांड बहुत है और इसकी कीमत 300-400 रुपये प्रति किलो तक बिकती है.

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शक्ति नाथ महतो ने सिर्फ मशरुम की खेती ही नहीं, बल्कि इस नई तकनीक पर आधारित स्वीट पोटैटो और कसावा की खेती भी शुरू की है. इस अवसर पर डॉक्टर महतो के साथ दीन बंधु ट्रस्ट के महासचिव नागेन्द्र कुमार भी उपस्थित थे. उन्होंने इस सफल प्रयोग की सराहना करते हुए कहा कि यह तकनीक किसानों की जीवनशैली को सुधारने में मददगार साबित होगी.

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