फतेह लाइव, रिपोर्टर.
वीरता शौर्य और पराक्रम सैनिकों के आभूषण होते हैं और उनका बलिदान जीवन की श्रेष्ठ परम्परा, यह बात आज पूर्व सैनिकों को आपने संबोधन में *प्रथम दीया शहीदों के नाम* आयोजित कार्यक्रम में भारतीय सेना के सेवानिवृत्त पूर्व सैनिक और कार्यक्रम के संयोजक पेटी ऑफिसर कुंदन कुमार सिंह ने कही। आज अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद जमशेदपुर द्वारा शहीद स्मारक गोलमुरी में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारम्भ परिषद के ज़िला अध्यक्ष हवलदार विनय यादव
द्वारा पुष्पांजलि देकर एवम वीर शहीदों के नाम दीप जलाकर हुआ।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि देश जब आज अपने घरों को रोशन करने सजाने में व्यस्त है। उस वक्त भी सैनिक अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ पल सीमा पर राष्ट्र रक्षा के लिए समर्पित कर रहा है। इसके बाद कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री सिद्धनाथ सिंह ने प्रथम दीप जलाकर शहीदों के माता पिता का स्मरण किया। उन्होंने कहा कि वे माता पिता भी धन्य हैं जिनके बलिदान से सैन्य परंपरा गौरवानित हो जाती है। कार्यक्रम में पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सदस्य गण के साथ-साथ सैन्य मातृशक्ति एवं नागरिक परिवेश भी वीर शहीदों को नमन करने के लिए शहीद स्मारक गोलमुरी में एकत्रित हुए।
सर्वप्रथम दिवाली के पूर्व संध्या पर पूर्व सैनिक शहीद स्थल गोलमुरी में एकत्रित हो वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद देशभक्तो का हुजूम शहीद स्मारक गोलमुरी की ओर बढ़ा। जहां मातृशक्ति द्वारा बनाए भारत के मानचित्र पर दीप सुसज्जित कर वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई एवं सभी लोगों से आग्रह किया गया कि अपने घरों में भी प्रथम दीपक उन वीर शहीदों को समर्पित करें जो राष्ट्र सेवा में अपने बलिदान दे गए। कार्यक्रम का शुभारंभ संगठन के जिला अध्यक्ष विनय यादव एवं जिला महामंत्री जितेंद्र सिंह ने संगठन गीत से किया एवं वीर शहीदों के नाम दीप जलाते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके अदम्य साहस को भी नमन किया और नागरिक परिवेश में सभी से प्रथम दिया वीर शहीदों को समर्पित करने को कहा।
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार है। भारती राजीव कुमार मंत्री झारखंड ने खासकर ब्रिटिश सामानों का, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहे थे ।भारतीय उद्योगों का समर्थन हैं। हस्तशिल्प और स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देना।आत्मनिर्भरता – देश को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनान।भारतीय परंपराओं और मूल्यों को संरक्षित करना।आज भी स्वदेशी की अवधारणा प्रासंगिक है। भारत की वर्तमान “आत्मनिर्भर भारत” योजना इसी विचार पर आधारित है।
उपस्थित सभी पूर्व सैनिकों और देशभक्तों ने बारी बारी से पुष्पांजलि अर्पित कर दिए जलाए और शहीद स्मृति स्थल को नमन किया। कार्यक्रम के अंत में भारत माता की जय और वीर शहीद अमर रहे के नारें के साथ उनके पराक्रम और बलिदान को नमन किया। मौके पर कुंदन कुमार सिंह, अनुपम शर्मा, एलपी सिंह, सुरेंद्र पांडे, किशोरी प्रसाद, प्रवीण, विश्वानवजीत, अजीत के झा, नरेंद्र गांगुली, परमहंस यादव, सिद्धनाथ सिंह, जसबीर सिंह, सतीश, के तिवारी, एच एम भारती,सतीश प्रसाद, अमित सिंह, धनंजय, एसके सिंह, एसके मिश्र, निरंजन शर्मा, अवधेश कुमार, सुखविंदर सिंह, बिरजू, एसबी सिंह आदि शामिल रहे.
