विरोध करने वालों पर कसा तंज, कहा भगवान सिंह मोदी के खिलाफ बोल रहा है, आप झारखंडी नेताओं के खिलाफ क्यों नहीं बोलते, शैलेन्द्र सिंह की तारीफ की
चरणजीत सिंह.
जमशेदपुर में चुनावी शोर गुरुवार शाम को थम गया. 25 मई को यहां लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के लिए वोटिंग होगी. वैसे तो मैदान में कई प्रत्याशी खड़े हैं, लेकिन चुनाव में सीधा मुकाबला बीजेपी और इंडी गठबंधन के प्रत्याशी समीर मोहंती और विद्युत वरण महतो के बीच होगा. वैसे तो पांच साल पूर्व भी यहां चुनाव हुए थे, लेकिन इस बार का चुनाव इसलिए दिलचस्प बन गया है कि सबकी निगाहें सिख समाज पर टिक गई हैं. यहां कोल्हान में सिखों का नेतृत्व करने वाली सर्वोच्च संस्था सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (सीजीपीसी) के प्रधान भगवान सिंह ने इंडी गठबंधन के प्रत्याशी समीर मोहंती को खुलकर समर्थन जो दे दिया है. इसके बाद जमशेदपुर में चुनावी सरगर्मी इतनी बढ़ गई कि केंद्र की नजर आ टिकी. इसका नतीजा पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की घाटशिला में हुई जनसभा में दिखा. जब बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर मंच पर सिख प्रतिनिधि के रूप में तख़्त पटना साहेब के महासचिव इंद्रजीत सिंह को जगह देनी पड़ी.
अब बात करें सीजीपीसी प्रधान की तो. उनका विरोध शुरू हो गया. भाजपा की राजनीति करने वाले उनके खिलाफ बोलने लगे, कि धार्मिक गतिविधियां भूलकर प्रधान का राजनीतिक पार्टी को खुलकर समर्थन करना गलत है, लेकिन इस विरोध की परवाह किये बगैर भगवान सिंह आगे बढ़ते चले गए. इसमें उनकी टीम का उन्हें पूरा सहयोग मिला. सीजीपीसी प्रधान भगवान सिंह का मानना है कि यह उनकी सफलता का एक अंश ही है कि पहली बार किसी सिख प्रतिनिधि को मोदी के मंच में स्थान दिया गया. उन्होंने दावा किया कि 2014 या 2019 के चुनाव अगर याद हैं तो कोई बताये कि मोदी के साथ किसी सिख को मंच प्रदान किया हो.
बकौल प्रधान भगवान सिंह ने फ़तेह लाइव से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने सिख समाज के विकास के लिए किसी प्रत्याशी को समर्थन किया है और यह पहली बार नहीं हुआ है, जैसा कि लोग बोल रहे हैं. पूर्व प्रधान हरनेक सिंह के समर्थन पर शैलेन्द्र महतो जीते थे. पूर्व प्रधान प्रकाश सिंह के नेतृत्व में समाज ने बीजेपी से बागी हुए निर्दलीय विधायक दीनानाथ पांडे को भी समर्थन किया था.
कुछ बीजेपी के सिख कैडरों द्वारा किये जा रहे विरोध पर प्रधान ने कहा कि जब समीर मोहंती सीजीपीसी में आये थे. उस वक्त बीजेपी के हमदर्द बने सतबीर सिंह सोमू, चंचल भाटिया जैसे बीजेपी नेता या अन्य कोई भी हो. वह इस मामले को समझते हुए विद्युत वरण महतो को लेकर बातचीत करने आ सकते थे. नतीजा चाहे कुछ भी होता, लेकिन बात तो हो ही सकती थी. भगवान सिंह ने सांसद विद्युत महतो पर हमला किया और कहा कि वह किसी के आगे झुकना नहीं जानते. वह नरेन्द्र मोदी से भी ऊपर खुद को मानते हैं. पिछले दस सालों में पंजाब की ट्रेनें चलाने के लिए उनका व्यवहार सिखों के प्रति सौतेला रहा. विरोध करने वालों पर तंज कसते हुए भगवान सिंह ने कहा कि मैं तो नरेन्द्र मोदी का विरोध कर रहा हूं. आप भी क्षमता है तो झारखंड के नेताओं का विरोध करिये. उनके बारे कुछ बोलिये. मेरा विरोध करके क्या होगा.
प्रधान भगवान सिंह ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर भी बढ़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सिखों को क्या मान सम्मान दिया. यह बताया जाये. किस सिख को अपने मंत्रिमंडल में जगह दी. किस सिख को सेना का प्रमुख बनाया? जब उन्हें पता चला कि सिख उनका विरोध करने लगे हैं तो राजनीतिक ड्रामा करते हुए तख़्त साहेब में माथा टेकने पहुंच गए. बकौल भगवान सिंह हर सिख का काम मनुष्यता की रक्षा करना है, लेकिन मोदी ने उसे खतरे में डाल दिया है. श्री अकाल तख़्त के अधिकार समाप्त करने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि घाटशिला में मोदी के साथ सिख को मंच पर स्थान दिया गया. वह उनके विरोध की ही जीत है. उन्होंने अपील की कि हमारे इतिहास को बरकरार रखने के लिए हर सिख का फ़र्ज है दूसरे को समर्थन करे, जो नहीं करते वह सिख नहीं.
1984 दंगे में कांग्रेस की भूमिका पर प्रधान ने कहा कि वह हमला एक सोची समझी साजिश था. बीजेपी के लोग उनके बगल में बैठे सिखों को हिन्दू मानती है. कांग्रेस ने फिर भी सिख को प्रधानमंत्री बनाया. भगवान सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने मोदी की तरह सिखों के अधिकार कभी नहीं छीने. उन्होंने जमशेदपुर के सिखों से अपील की है कि वह सीजीपीसी के आग्रह पर समीर मोहंती को वोट दें हम वादा करते हैं कि उनकी जीत होती है तो एक साल के अंदर सिखों को उनका एक बेहतरीन अंग्रेजी मीडियम स्कूल बनवाकर देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि जो उनका विरोध कर रहे हैं सिख कौम में उनकी हैसियत नहीं. उन्होंने इस मामले में सीजीपीसी चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि वर्षों पुराना अपनी पहचान छोड़कर कौम के साथ खड़े हो गए. उन्होंने अपना मुनाफा घाटा नहीं सोचा. सही मायने में यह कौम की सेवा कर रहे हैं. उन्होंने फिर एक बार कहा कि सिख कौम पंथ समीर मोहनती को जिताने का काम करे.
घाटशिला में यूपी गुजरात से लाये गए लोग
सरदार शैलेन्द्र सिंह ने भी खास बातचीत में अपने विचार साझा किये. उन्होंने भी बीजेपी और प्रधानमंत्री पर कड़ा हमला बोला. कहा कि जमशेदपुर की बात करें जब टुईलाडूंगरी में सिख युवक हीरा सिंह को घर से निकालकर मारापीटा गया. तब क्या स्थिति थी. सभी बीजेपी के लोग एक हो गए थे. शैलेन्द्र सिंह ने घाटशिला में हुई मोदी की सभा में भीड़ जुगाड़ का फंडा बताया. उन्होंने कहा कि यूपी और गुजरात के लोगों की भीड़ जुटाई गई.
Pबकौल शैलेन्द्र सिंह कौम के आगू का हाथ पकड़ना सभी का कर्तव्य होना चाहिए. इसके लिए सभी प्रधान, स्त्री सत्संग सभा और नौजवान सभा धन्यवाद के पात्र हैं जो कई लोगों के दबाव के कारण भी टस से मस नहीं हुए. क्यूंकि यह मुद्दा सही है. जालियावाला बाग ट्रेन, बुजुर्गो की जम्मूतवी ट्रेन के फेरे घटा दिए गए. सांसद ने दस सालों में सिखों के साथ सौतेला व्यवहार किया. सबसे दुख की बात यह है कि जब सीजीपीसी में समीर मोहंती के साथ मीटिंग हुई तो उसके विपरीत एक अन्य स्थान पर मीटिंग बुलाई गई जहां विद्युत दा ने सीजीपीसी की अलोचना की. यह बात हमें दिल में चुभी और चार बार समीर मोहंती के संपर्क करने के बाद यह समर्थन उन्हें करने का फैसला लिया गया. सूत्र बताते हैं कि मोदी की सभा के लिए शैलेन्द्र को कई लोगों ने मंच पर आने का जोर लगाया था, लेकिन वह डोले नहीं और कौम के लिए प्रधान के साथ खड़े हैं.