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कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने राष्ट्रीय ध्वज लेकर प्रदर्शन करने वाले नापाक तत्वों को निशाने पर लेते हुए कहा कि यह कैसा सॉरी है जहां बेटियों को ट्रोल किया जाता है उनकी मर्यादा का हनन होता है? अधिवक्ता के अनुसार पहलगाम में सैन्य अधिकारी की निर्मम हत्या हुई और उसकी विधवा पत्नी हिमांशी नरवाल ने जैसे ही हिंदू मुसलमान की बजाय प्रधानमंत्री से न्याय मांगा तो उसके लिए जिन शब्दों का प्रयोग ट्रोल आर्मी ने भारत में किया, दुनिया के किसी देश में कोई भी नागरिक विधवा बेटी के लिए उन शब्दों का प्रयोग करने की कल्पना नहीं कर सकता।

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पहलगाम नृशंस हत्याकांड के बाद पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेवा ने कार्रवाई की और जब सरकार ने तय किया संघर्ष विराम कर दिया जाए। इसकी घोषणा विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने सरकार के निर्देश पर की। ट्रोल गैंग सरकार को घेरने की बजाय विदेश सचिव की बेटी की मर्यादा पर सवाल खड़े करते हुए नजर आए। हद तो तब हो गई जब ऑपरेशन सिंदूर के बारे में देश दुनिया को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी के लिए मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह ने आतंकवादी की बहन उसे उन्हें बता डाला।

अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार सुप्रीम कोर्ट अपने कई फसलों में केंद्र सरकार को आदेश दे चुका है, सारे देश के पुलिस पदाधिकारी को भी आदेश दे चुका है कि जो भी जाति धर्म के नाम पर नफरत फैला रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई करनी है। ऐसे ट्रोल गैंग के खिलाफ भारत में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हिंदू मुसलमान जाति भाषा क्षेत्र को लेकर नफरती और भड़काऊ उकसाने वाले बयान भरे पड़े हैं? केंद्र सरकार और राज्य सरकार की मशीनरी चुप है। कुलविंदर सिंह ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि जब देश को आज एकता की जरूरत है उसके बावजूद बेटियां ट्रॉल हो रही है। इसे क्या समझा जाए यह सत्ता की मूक सहमति है या नकारापन अथवा वोटो की गोलबंदी करने का जरिया है? लेकिन यह तय है कि नुकसान देश का ही होगा? हर भारतीय का होगा? भारत ऐसे ट्रोल गैंग के कारण देश दुनिया में अपमानित होगा?

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