फतेह लाइव, रिपोर्टर. 

जमशेदपुर के बिष्टुपुर में एक वर्ष पूर्व एक सड़क दुर्घटना के शिकार होकर कोमा में जा चुके ईटीवी के पूर्व सीनियर कैमरामैन रितेश आज हमलोग के बीच नहीं रहे. दिल्ली (गुड़गांव) के एक रिहैब सेंटर से रिम्स लाने में पत्रकार अन्नी अमृता, प्रीतम भाटिया, साईं मानव सेवा ट्रस्ट और AISMJWA के सदस्यों ने काफी सहयोग किया था. सामाजिक व आर्थिक सहयोग से रितेश को ट्रेन एंबुलेंस से दिल्ली से रिम्स लाया गया, जहां उनके गले का ऑपरेशन करके दो सप्ताह के भीतर छुट्टी दे दी गई. फिर जमशेदपुर वापस टीएमएच में भर्ती हुए जहां बताया गया कि अल्सर हो गया है.

रिम्स से इलाज कराकर वे 22 अगस्त को वापस अपने घर लौटे थे कि अचानक 24 अगस्त को फिर उनकी तबीयत खराब होने पर उन्हें परिजनों ने टीएमएच में भर्ती कराया. जहां बेड नंबर 6A,23, में वे इलाजरत थे और कल ही पत्रकार अन्नी अमृता उनके बेटे ऋतिक राज से अस्पताल जाकर मिली थी. तब रितेश की हालत अच्छी नहीं थी और बीपी सामान्य नहीं हो पा रहा था. शरीर के अंदर ऑर्गन्स की स्थिति भी ठीक नहीं बताई जा रही है.एक तरह से डॉक्टर जवाब दे चुके थे.

यहां बात सिर्फ एक रितेश की मौत नहीं है बल्कि यह सबक लेने वाली घटना है. जब पत्रकार समाज को न्याय दिलाने के लिए दर-दर भटकने से पीछे नहीं हटते लेकिन जब बात खुद की आती है तो हालत रितेश जैसी होती है. पत्रकारों को चाहिए कि वे अपना स्वास्थ्य बीमा करा लें क्योंकि इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है और पत्रकारों के संगठनों के पास कोई फंड भी नहीं है. नतीजा 100/–200/- का चंदा जो आपको गंभीर परिस्थितियों में कभी बचा नहीं सकता.

हम रितेश की आत्मिक शांति की प्रार्थना करते हैं और परिजनों को दुःख की इस घड़ी में पूरा सहयोग करने का अनुरोध सभी से करते हैं. जमशेदपुर प्रेस क्लब के पत्रकार भी पूर्व कैमरामैन के निधन से शोकाकुल हैं.

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