जमशेदपुर।
ओलचिकी लिपी हुल बैसी के बैनर तले अपनी विभिन्न मांगों को लेकर बुलाए गए झारखंड बंद का ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक असर देखने को मिल रहा है. जमशेदपुर के करनडीह, सुंदरनगर समेत ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह से ही बंद समर्थक पारंपरिक परिधान में व पारंपरिक हथियार लिए सड़क पर उतर गए और जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं.
संताली भाषा को प्रथम राजभाषा का दर्जा देने, संताली शिक्षकों की बहाली करने, संताली एकेडमी का गठन करने, संताली भाषा के पुस्तकों को ओल चिकी लिपि भाषा में विमोचन करने जैसे विभिन्न मुख्य मांगों को लेकर ओलचिकी लिपि हुल बैसी के बैनर तले बंद समर्थक पूरे पारंपरिक परिधान के साथ सड़क पर उतर कर मंगलवार को राज्य सरकार के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते नजर आए. सुबह से ही जमशेदपुर व आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में आवाजाही पूरी तरह से ठप हो गई. दोपहिया वाहनों से लेकर बड़ी वाहनों तक का परिचालन पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया गया. इससे लम्बा सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी हो रही है. भुरूडीह फाटक, करनडीह को समर्थकों ने जाम कर रखा है.
जानकारी देते हुए बंद का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता संजीव मुर्मू ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है. राज्य सरकार को पहले ही चेतावनी दी गई थी, कि उनकी मांगों को पूरा कर लिया जाए. मांग पूरी नहीं होने पर आज सड़क पर उतर कर वे सभी अपना विरोध दर्ज कर रहे हैं.