फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर की गुरुद्वारा कमेटियों में विवाद समाप्त होने का नाम नहीं लेते. ऐसा लगता है विवादों से इनका परस्पर स्नेह बना हुआ है. आखिरकार इन विवादों की वजह क्या है, अगर निष्कर्ष निकलेगा तो वह एक ही है. बहरहाल, अब एक चटकदार नई खबर सामने आ रही है, टिनप्लेट गुरुद्वारा से. जहां इन दिनों कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है. यहां प्रधान सुरजीत सिंह से संगत तो नाराज है ही उनकी कमेटी के पदाधिकारी भी नाराज चल रहे हैं. यह सबकुछ अभी की बात नहीं है, बहुत दिनों से है, लेकिन गुरुवार को यह विवाद उस वक्त सार्वजनिक रूप से देखने को समझ में आया, जब गुरुद्वारा द्वारा संचालित खालसा मध्य विद्यालय में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह से बलवंत सिंह गुट ने खुद को अलग कर लिया.

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बलवंत के साथ कमेटी के महासचिव कश्मीर सिंह शिरा, कोषाध्यक्ष मंजीत सिंह संधू समेत एक जाति विशेष गुट शामिल ही नहीं हुआ. नतीजा यह रहा है कि उधर, स्कूल में समारोह हुआ तो इधर गुरुद्वारा में निशान साहेब का चोला बदलने की सेवा बगावती गुट ने की. यह सेवा मंजीत संधू परिवार की ओर से कराई गई. खुद इस बात को मंजीत ने भी भी स्वीकार किया कि उन्होंने प्रधान के खिलाफ बगावत छेड़ दी है.

प्रधान पर मनमानी का आरोप, सीजीपीसी से की गई है शिकायत

सूत्रों के अनुसार यहां विवाद के पीछे प्रधान सुरजीत सिंह की मनमानी बताई जा रही है. बाकायदा, इसकी लिखित शिकायत सीजीपीसी से बगावती गुट ने दो महीना पहले ही की है, लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब कहा जा रहा है कि टिनप्लेट कमेटी के मेन किंगमेकर पंजाब में है. उनके आने के बाद ही पत्र पर विचार किया जायेगा. संगत में भी कमेटी में चल रहे खेल का विरोध शुरु हो गया है. सूत्र बताते हैं कि कभी भी यहां संगत कार्यालय में चढ़ाई कर सकती है.

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इसकी रुपरेखा काफी दिनों से बनी हुई है. स्कूल में टीचर बहाली में चले खेल, क्लब में टेंट, तंदूर के खेल, बुकिंग में खेल हो रहे है, जिसका प्रधान का विरोध चल रहा है और यह कभी भी फूट सकता है. इसके अलावा कुछ सालाना धार्मिक आयोजनों के अलावा कुछ गतिविधि यहां नहीं है. छत पर काई जमी हुई है. ये भी काम नहीं हो रहे हैं. नानक नगर से सुरजीत सिंह की जीत में अहम रोल निभाने वाले करमजीत सिंह कम्मे भी कमेटी को बाय बाय कर चुके हैं. अब यह देखने वाली बात होगी कि शिकायत करने वाले गुट की बातों को सीजीपीसी कितनी गंभीरता से लेती है. क्यूंकि प्रधान से लेकर गुरचरण सिंह बिल्ला का सीजीपीसी में दबदबा है. ऐसे में यहां पत्र के आरोपों के अलोक में इंसाफ पर सबकी नजरें टिकी हुई है.

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