फतेह लाइव, रिपोर्टर.
दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली सबसे कम उम्र 16 साल 9 महीने की भारतीय काम्या कार्तिकेय सुरक्षित जमशेदपुर लौट आई है. टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन की काम्या को टाटा स्टील की ओर से गुरुवार को जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया. इस मौके पर काम्या के पिता और भारतीय नौसेना के कमांडर सुदर्शन कार्तिकेय भी थे. उन्होंने भी अपनी बेटी के साथ टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के सहयोग से एवरेस्ट फतह किया है. पिता और पुत्री 20 मई को दिन के 12:50 पर एवरेस्ट के 8849 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचे थे.
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मुंबई के नौसेना बाल विद्यालय में 12वीं कक्षा की छात्रा है काम्या
काम्या ने बताया कि हमने दुनिया के सातों ऊंची चोटी को फतह करने का लक्ष्य रखा है. अब तक छह चोटी जिसमें माउंट एवरेस्ट भी शामिल है, उसे फतह कर लिया है. अब हमारा अगला लक्ष्य दुनिया के सबसे ऊंची सात चोटियों में अंतिम छोटी संयुक्त राज्य अमेरिका और उत्तर अमेरिका महाद्वीप के सबसे ऊंचे पर्वत माउंट डेनाली को फतह करना है जो कि इस वर्ष के दिसंबर में होगा. उन्हें भारत सरकार ने 2021 में प्रधानमंत्री बाल शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया था और माउंट एवरेस्ट फतह करने के बाद नेपाल सरकार ने भी काम्या को सम्मानित किया है. काम्या के पिता सुदर्शन कार्तिकेय ने बताया कि मुझसे लगभग डेढ़ घंटा पहले काम्या ने एवरेस्ट फतह किया. इस बात का मुझे गर्व है.
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एवरेस्ट पर बढ़ता ट्राफिक चिंता का विषय
उन्होंने एवरेस्ट में बढ़ते ट्रैफिक के बारे में बताया कि यह एक चिंता का विषय है. एक ही रस्सी के सहारे हमें एवरेस्ट की चोटी पर चढ़ना और उतरना होता है, लेकिन इससे एवरेस्ट को नुकसान हो रहा है. हिमखंड कहीं-कहीं उखड़ गए हैं. दूसरी ओर टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट चाणक्य चौधरी ने बताया कि टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन सभी साहसिक कार्यों को करने वालों को सहयोग प्रदान करती है. उन्होंने बताया कि इस समिट को मिलाकर अब तक टाटा स्टील ने 14 ऐसे लोगों को, जिसमें बछेंद्री पाल भी शामिल है, एवरेस्ट फतह करने में मदद की है.