- आदिवासी प्रतिनिधिमंडल ने पंचायतों को नगरपालिका दर्जा निरस्त करने और सरना धर्म व पेसा कानून लागू करने की मांग की
फतेह लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर के माझी परगना महाल एवं संयुक्त ग्राम सभा संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को साकची आम बगान से उपायुक्त कार्यालय तक पारंपरिक हथियारों के साथ प्रदर्शन करता हुआ पहुंचा. आदिवासी समुदाय के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर जोरदार आवाज़ बुलंद की और एक दिवसीय धरना भी दिया. उनका मुख्य उद्देश्य पंचायतों को नगरपालिका का दर्जा निरस्त कर पुनः ग्राम पंचायत घोषित कराना था, साथ ही सरना धर्म कोर्ड और पेसा कानून को तुरंत लागू करने की भी मांग की.
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आदिवासी समुदाय की जमीन संरक्षण और पंचायत अधिकारों की लड़ाई
मंगलवार को प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति, राज्यपाल और झारखंड के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 जेड ‘सी’ के तहत नगर निगम और नगरपालिका असंवैधानिक हैं. आदिवासी परिवारों के पास औसतन 10 बीघा से अधिक जमीन होने के कारण नगर निगम बनने पर उन्हें भारी कर देना पड़ता है, जो उनके लिए अत्यंत नुकसानदायक है.