नमन कर रहा ऐतिहासिक काम, गर्व है : हरिवल्लभ आरसी
जमशेदपुर :
शहर की सामाजिक संस्था” नमन शहीदों के सपनों को “ने महान क्रांतिकारी एवं बलिदानी शहीद बैकुंठ शुक्ला की पुण्यतिथि पर नमन द्वारा उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किये. इस मौके पर मुख्य अतिथि आरसी ने बैकुंठ शुक्ला को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि – देश को स्वतंत्र कराने में लाखों वीरो ने अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया था. उनकी कुर्बानी का परिणाम है कि हम आज आजाद भारत में सांस ले पा रहें हैं. उन्होंने आजादी की जो सौगात हमें सौंपी उसे सहेज कर रखना हम सभी की जिम्मेवारी है. उनके सपनों का जो भारत था, उसी भारत का निर्माण हो, यह सबका सपना होना चाहिए. साथ ही आरसी ने नमन संस्था की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्था लोगों में शहीदों के प्रति जागरण और देश-प्रेम का जो ज़ज्बा जगा रही है. उसके लिए संस्था के सभी सदस्यों का और विशेष कर संस्थापक काले का हम सभी लौहनगर के वासी आभार व्यक्त करते हैं. प्रभात शर्मा ने कहा कि नमन का प्रयास सराहनीय है जो आज विभूति बैकुंठ शुक्ल को 90 साल बाद भी याद कर रहा.
नमन परिवार देशभक्तों को याद करते रहेगा : काले
इस मौके पर नमन के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने कहा कि आज जब हम देश के लिए अपना सर्वस्व कुर्बान करने वाले शहीदों को नमन करते हैं, तो हम अपने अंदर एक अद्भुत ऊर्जा एवं शक्ति का अनुभव करते हैं. काले ने युवाओं से आह्वान किया की वे अपने अंदर की ताकत एवं स्वाभिमान को पहचानने की कोशिश करें. राष्ट्रहित की भावना ह्रदय में रख राष्ट्रहित हेतु प्रयासरत रहना हर भारतीय का परम कर्तव्य है. इस अवसर पर उन्होंने युवाओं से अनुरोध किया कि वे नशा की खिलाफत करें. एक अंतर्राष्ट्रीय साजिश के तहत देश को तोड़ने के लिए हमारे युवा वर्ग को लक्ष्य किया जा रहा है. उन्हें नशा का आदी बनाया जा रहा है, चूंकि युवा देश का भविष्य होता है और जब देश और समाज को कमजोर करना है तो युवा में सोचने समझने की शक्ति को कुंठित कर देना होगा और इसके लिए युवा पीढ़ी को नशे का आदी बनाया जा रहा है. मैं आप सभी युवा पीढ़ी से करबद्ध प्रार्थना करता हूँ कि आप सभी खुद भी नशे का सेवन ना करें और अपने परिवार, समाज में इस दलदल में फंसे युवाओं को बाहर निकालने की कोशिश करें.
इस मौके पर संस्था के संरक्षक बृजभूषण सिंह ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बैकुंठ शुक्ला जी का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्पूर्ण योगदान रहा है, परंतु इनकी और इनके जैसे हज़ारों शहीदों की कुर्बानी गुमनाम रह गई या कहीं दबी रह गई. जरूरत हर शहीद की शहादत उनके विचारों एवं उनके जीवन को जानने की है. उनको सम्मान देने की है और इस दिशा में नमन अपना कार्य निरंतरता के साथ कर रहा है.
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए जयप्रकाश राय ने कहा कि भारतवर्ष का इतिहास वीरों और शहीदों से भरा पड़ा है. जरूरत उन्हें जानने की है. उनके विचारों को आत्मसात करने की है. शहीद बैकुंठ शुक्ला जी ऐसे ही शहीद हुए, जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए खुद को कुर्बान कर दिया. ऐसे महापुरुष को आज नमन करते हुए खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि ऐसे वीर की धरती पर मुझे जन्मने का अवसर मिला. इस मौके उपस्थित सभी प्रबुद्ध जनों ने देश की आजादी में बैकुंठ शुक्ला के योगदान को नमन करते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की और एक मत में कहा कि उन्हें भुलाया नहीं जा सकता. कार्यक्रम में संस्था के स्वयंसेवकों, मातृ शक्ति व युवा शक्ति की उपस्थिति रही. इस कार्यक्रम का संचालन राजीव कुमार एवं डी डी. त्रिपाठी तथा धन्यवाद ज्ञापन महेश मिश्रा ने किया.
इन्होंने शहीद को अर्पित किये श्रद्धा सुमन
इस अवसर पर प्रसिद्ध शिक्षाविद डॉ श्री कृष्णा सिन्हा संस्थान के प्रधान महासचिव हरिवल्लभ सिंह ‘आरसी’, वरिष्ठ पत्रकार बृजभूषण सिंह, टाटा स्टील के अवकाश प्राप्त कॉर्पोरेट हेड प्रभात शर्मा,मनीफीट गुरुद्वारा के प्रमुख अजीत सिंह,ब्रह्मषि विकास मंच के सुधीर कुमार सिंह , वरुण जी पूर्व सैनिक परिषद, वरिष्ठ पत्रकार व संस्था के संरक्षक बृजभूषण सिंह, वरिष्ठ पत्रकार जयप्रकाश जी, क्रीड़ा भारती के राजीव कुमार, साकची गुरुद्वारा के महासचिव परमजीत सिंह, बलविंदर सिंह, विपिन झा,,महेंद्र सिंह, संतलाल पाठक, डी. मनी, चंदना रानी, ममता पुष्टि, सावित्री करवा, नमिता उपाध्याय, ममता सिंह, गौरी कुमारी, मीरा सिंह, हीबा फिरदौस, भूमि, पूरबी सहित कई गणमान्यों, महिलाओं एवं सैकड़ों, युवाओं की उपस्थिति में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गयी.