शनिवार को नामांकन पत्र खरीदने की अंतिम तिथि, 17 से 19 मार्च तक जमा लिए जाएंगे फार्म, 21 व 22 मार्च को नाम वापसी का समय
वोटरलिस्ट में नाम जुड़ाने के लिए 20 मार्च का है समय
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
नामदाबस्ती गुरुद्वारा में प्रधान पद के 2024 से 2027 तक के कार्यकाल के लिए होने वाले चुनाव को लेकर स्थानीय संगत में जहां उत्साह बना हुआ है. वहीं, दोनों गुटों में गहमा गहमी का माहौल भी बरकरार है. इलाके में चुनाव की सरगर्मी सर चढ़ कर बोल रही है. इसी बीच जारी चुनाव की प्रक्रिया के बीच 13 मार्च से शनिवार 15 मार्च तक प्रधान पद के लिए पक्ष के चार और विपक्षी खेमे के तीन लोगों ने नामांकन पत्र खरीदा है. 16 मार्च को नामांकन खरीदने की अंतिम तिथि है. इसके बाद आगामी 17 से 19 मार्च तक सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक गुरुद्वारा में नाम वापसी की तारीख है. आगे की प्रक्रिया बाद में घोषित की जाएगी.
इन्होंने खरीदा नामांकन फार्म
13 मार्च से जारी नामांकन फार्म बिक्री की प्रक्रिया के दौरान शनिवार को पक्ष की ओर से जत्थेदार दलजीत सिंह ने जहां नामांकन फार्म खरीदा. वहीं, विपक्ष के तीन लोगों क्रमश: गुलशन सिंह, हरदीप सिंह और अवतार सिंह ने नामांकन पत्र लिया था. इसके पूर्व 14 मार्च को पक्ष खेमे से सुखविंदर सिंह बिल्ला व रंजीत सिंह अटवाल ने नामांकन लिया था. पहले दिन 13 मार्च को इसी खेमे के सुखविंदर सिंह गिल ने नामांकन पत्र लिया था.
लगभग 500 मतदाता करेंगे मतदान
प्रधान पद के लिए होने वाले चुनाव की तिथि अभी घोषित नहीं की गई है. प्रधान महेंद्र सिंह ने कहा है कि नामांकन वापसी के बाद वह अगली प्रक्रिया के बारे तिथि तय करेंगे. अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो 31 मार्च या 7 अप्रैल को चुनाव कराया जा सकता है. बहरहाल, अभी मतदाता सूची में नाम जोड़ने का काम जारी है. प्रधान ने बताया कि 20 मार्च तक गुरुद्वारा में नाम जोड़े जाएंगे. पूर्व में 425 मतदाताओं की लिस्ट तैयार की गई थी. उसके बाद नाम जोड़ने की जारी प्रक्रिया के बीच लगभग 75 मतदाताओं के नाम लिस्ट में जोड़े गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोई छूट रहा है तो वह मासिक चंदा की रसीद दिखाकर या साल का मासिक चंदा जमा करवा कर 20 मार्च तक नाम जुड़वा सकते हैं.
जत्थेदार दलजीत सिंह की तरफ बन रहा माहौल, विपक्ष ने भी झोंकी ताकत
गुरुद्वारा चुनाव को लेकर प्रधान पद के लिए जत्थेदार दलजीत सिंह की तरफ एक तरफा माहौल बना हुआ है. दलजीत सिंह नामदाबस्ती गुरुद्वारा में ग्रंथी की सेवा कर रहे थे. इसके साथ ही जमशेदपुर और आसपास भी पाठ की सेवा बाखूबी निभाते हैं. धार्मिक मामलों में उनके रूझान को स्थानीय लोग खूब पसंद करते हैं. वैसे विपक्ष के लोग भी इस चुनाव में वहां तख्ता पलटी करने में कम जोर नहीं लगा रहे हैं. उनकी ओर से भी वोटरों को अपनी ओर खींचने का काम जारी है. वहीं, चुनाव के दौरान धार्मिक स्क्रूटनी को पास करने के लिए पूरी कवायद की जा रही है. बहरहाल, मतदान में ही यह तय होगा कि किसमें कितना है दम.