- विकास सिंह ने मुख्य अभियंता से मुलाकात कर बिजली संकट और स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया पर जताई आपत्ति
- विकास सिंह ने चेताया – उपभोक्ताओं को राहत नहीं मिली तो करेंगे जन आंदोलन
फतेह लाइव, रिपोर्टर
पूर्व भाजपा नेता विकास सिंह ने बिष्टुपुर स्थित बिजली विभाग कार्यालय में मुख्य अभियंता अजीत कुमार से मुलाकात कर मानगो क्षेत्र की बिजली आपूर्ति में आ रही गंभीर समस्याओं पर चिंता जताई. उन्होंने कहा कि आठ वर्ष पूर्व तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास द्वारा उद्घाटित बालिगुमा पावर ग्रिड आज भी कुंवरबस्ती सब स्टेशन से सीधे तौर पर नहीं जुड़ा है. इसके चलते मानगो क्षेत्र के हजारों उपभोक्ताओं को बिजली कटौती और अस्थाई आपूर्ति की परेशानी झेलनी पड़ रही है. विकास सिंह ने बताया कि बालिगुमा ग्रिड से अब तक कुंवरबस्ती सब स्टेशन को बिजली नहीं दी गई है, जबकि यह जनता के लिए समर्पित पावर ग्रिड था.
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8 साल बाद भी बालिगुमा ग्रिड निष्क्रिय, अस्थायी आपूर्ति पर निर्भर है कुंवरबस्ती सब स्टेशन
उन्होंने बताया कि फिलहाल जवाहर नगर रोड नंबर 15 के सब स्टेशन से होकर कुंवरबस्ती में बिजली की आपूर्ति हो रही है, जो तकनीकी रूप से अस्थायी और खतरनाक है. वहां का कुल लोड 16 मेगावाट है और कर्मचारियों के अनुसार इससे अधिक लोड देने पर तार ब्लास्ट हो सकता है. इसी कारण सोमवार को गम्हरिया ग्रिड से बिजली नहीं मिलने पर कुंवरबस्ती सब स्टेशन करीब तीन घंटे तक पूरी तरह बंद रहा, जिससे पानी सप्लाई सहित आम जनजीवन प्रभावित हुआ. उन्होंने कहा कि यह विभागीय लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है कि एक महत्वपूर्ण सब स्टेशन को आठ वर्षों में भी ग्रिड से नहीं जोड़ा गया.
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गंभीर तकनीकी खतरे के बीच चल रही बिजली आपूर्ति, हजारों उपभोक्ता संकट में
सिर्फ ग्रिड से आपूर्ति ही नहीं, विकास सिंह ने प्रीपेड स्मार्ट मीटर के क्रियान्वयन पर भी गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने आरोप लगाया कि बेनटेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं के साथ धोखा कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पहले के मीटर लैब में जांच कर सील किए जाते थे, लेकिन वर्तमान में मीटर को डब्बे से निकालकर बिना टेस्ट किए सीधे घरों में लगा दिया जा रहा है. इससे उपभोक्ताओं को भारी बिल की शिकायतें मिल रही हैं और स्मार्ट मीटर के प्रति विश्वास टूट रहा है.
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स्मार्ट मीटर बिना लैब टेस्ट के लगाए जा रहे, उपभोक्ता भुगत रहे ज्यादा बिल का खामियाजा
विकास सिंह ने स्पष्ट कहा कि स्मार्ट मीटर की गुणवत्ता और पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं. उन्होंने मुख्य अभियंता से अनुरोध किया कि बिना लैब टेस्ट के लगाए जा रहे स्मार्ट मीटर की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए और उपभोक्ताओं की शिकायतों की निष्पक्ष जांच की जाए. उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर की मौजूदा प्रणाली उपभोक्ताओं को राहत नहीं बल्कि आर्थिक संकट दे रही है. बैठक में विकास सिंह ने यह भी कहा कि अगर जल्द समाधान नहीं किया गया, तो जनहित में आंदोलन का रास्ता अपनाया जाएगा.