• उपायुक्त और उप विकास आयुक्त ने दी छात्राओं को जमीनी सच्चाई जानने की सीख, कहारिपोर्टिंग हो सच्ची और निष्पक्ष
  • जमीनी डाटा के आधार पर तय होगी योजनाओं की दिशा, PVTG विकास को मिलेगा नया आधार

फतेह लाइव, रिपोर्टर

जिले में प्रोजेक्ट “उत्थान” के तहत PVTG (Particularly Vulnerable Tribal Groups) समुदाय की सामाजिक-आर्थिक स्थिति, सरकारी योजनाओं की पहुंच और उनकी आवश्यकताओं के मूल्यांकन हेतु एक विशेष सर्वेक्षण कार्य प्रारंभ किया जा रहा है. इस अभियान की शुरुआत से पूर्व महिला विश्वविद्यालय, जमशेदपुर के सभागार में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसे उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी एवं उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान ने संबोधित किया. मौके पर जिला योजना पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार सहित सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी मौजूद रहे. उपायुक्त ने कहा कि यह सर्वेक्षण समाज के सबसे वंचित वर्गों की सच्ची तस्वीर सामने लाने का एक प्रयास है, जिससे योजनाओं का निर्माण जमीनी हकीकत के आधार पर किया जा सके.

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PVTG समुदाय के लिए योजनाओं की सटीकता तय करेगा यह सर्वेक्षण

इस विशेष सर्वेक्षण कार्य में महिला विश्वविद्यालय की अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र, भूगोल और इतिहास संकाय की 104 छात्राएं (रिजर्व सहित) भाग लेंगी, जिन्हें 18 दलों में विभाजित कर प्रखंडवार क्षेत्रों में भेजा जाएगा. छात्राएं PVTG परिवारों से सीधे संवाद कर उनकी जीवनशैली, समस्याएं और सरकारी योजनाओं की पहुंच की जानकारी एकत्र करेंगी. उपायुक्त ने छात्राओं से अपील की कि वे न केवल छात्रा के रूप में, बल्कि एक जागरूक नागरिक के रूप में ज़मीनी सच्चाईयों को ईमानदारी से रिपोर्ट करें. उन्होंने कहा कि यह केवल एक प्रशासनिक कार्य नहीं बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी है, जिसमें आपकी आदर्श सोच प्रशासन की संवेदनशीलता से मिलकर सकारात्मक बदलाव ला सकती है.

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महिला विश्वविद्यालय की छात्राएं बनेंगी जमीनी बदलाव की भागीदार

उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान ने कहा कि इस सर्वेक्षण का उद्देश्य योजनाओं की जमीनी हकीकत को जानना है—क्या सरकारी सुविधाएं वाकई PVTG गांवों तक पहुंच रही हैं या नहीं. छात्राओं से उन्होंने आग्रह किया कि वे केवल समस्याएं न गिनें, बल्कि यह भी समझें कि उन समस्याओं का समाधान क्या हो सकता है. इस पूरे प्रयास का अंतिम उद्देश्य यही है कि योजनाएं महज़ कागजों तक सीमित न रहें, बल्कि वे इन परिवारों की वास्तविक ज़रूरतों के अनुसार प्रभावशाली ढंग से लागू की जा सकें.

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