फतेह लाइव, रिपोर्टर
भाजपा के वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कांग्रेस पार्टी की ‘संविधान बचाओ रैली’ को एक राजनीतिक नाटक करार दिया और इसे जनता को गुमराह करने का प्रयास बताया. मंगलवार को जमशेदपुर स्थित अपने आवासीय कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए रघुवर दास ने कहा कि जिन लोगों के हाथों संविधान को सबसे अधिक क्षति पहुंची है, वे आज संविधान की रक्षा की बात कर रहे हैं. उन्होंने 1975 में हुए आपातकाल का उदाहरण देते हुए कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि उस समय कांग्रेस ने संविधान में संशोधन कर हजारों नागरिकों को नजरबंद किया और मौलिक अधिकारों को निलंबित कर दिया था. रघुवर दास ने आरोप लगाया कि तब कांग्रेस को संविधान की याद नहीं आई, जबकि वह खुद आपातकाल के दौरान संविधान का उल्लंघन कर रही थी.
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रघुवर दास ने कांग्रेस पर संविधान का उल्लंघन करने का लगाया आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कांग्रेस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को भारत रत्न देने में देर की और उनके खिलाफ चुनाव में उम्मीदवार भी उतारे. रघुवर दास ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा अंबेडकर, दलित और वंचित समाज के खिलाफ काम किया है. इसके अलावा, धर्मांतरण के मुद्दे पर भी उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया और कहा कि संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन नहीं कर सकता. उन्होंने झारखंड में तेजी से हो रहे धर्मांतरण के खिलाफ धर्मांतरण निषेध कानून लाने की बात की और कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसकी सरकार में यह प्रक्रिया तेज हो रही है, जिससे आदिवासी समाज के अस्तित्व को खतरा हो सकता है.
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रघुवर दास ने आदिवासी समाज के अस्तित्व को खतरे में बताया
रघुवर दास ने कांग्रेस के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस संविधान की रक्षा की बात करती है, तो उसे धर्मांतरण कानून को सख्ती से लागू करना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने झारखंड के एक मंत्री के बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें मंत्री ने शरीयत को संविधान से ऊपर बताया था. रघुवर दास ने कांग्रेस से सवाल किया कि क्या उनके लिए शरीयत संविधान से अधिक महत्वपूर्ण है? उन्होंने मांग की कि ऐसे मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाए, वरना कांग्रेस को सरकार से अपना समर्थन वापस लेना चाहिए. अंत में रघुवर दास ने कहा कि कांग्रेस का दोहरा चरित्र अब जनता के सामने आ चुका है और उनका असली मकसद संविधान का उल्लंघन करके अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करना है.