जमशेदपुर अंचल कार्यालय में बीडीओ-सीओ की रिहाईश के लिए चल रहा है भवन निर्माण, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सूचना अधिकार 2005 के तहत मांगी गई थी RTI
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर में भ्र्ष्टाचार का खुलासा करने पर ठेकेदार और उनके गुर्गों के लिए किसी भी पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता को धमकी देना कोई नई बात नहीं है. जनता की गाढ़ी कमाई की लूट खसोट मचाने के लिए सरकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी मिलीभगत रहते हैं. ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है, जहां परसुडीह मकदमपुर निवासी जिला कांग्रेस आरटीआई सेल के चेयरमैन कमलेश कुमार ने जमशेदपुर स्थित अंचल कार्यालय के परिसर में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की ओर से अधिकारियों की रिहाईश के लिए बन रहे भवन निर्माण को लेकर गत 14 फरवरी को जन सूचना अधिकार-2005 के तहत आरटीआई दाखिल की. जिम्मेदार अधिकारियों और भवन निर्माण कर रहे ठेकेदार को यह कार्रवाई नागुजार लगी. करीब तीन माह तक चले कागजी खेल के बीच गत 6 मई को आरटीआई कार्यकर्ता कमलेश कुमार को उनके फोन नंबर 8092828711 पर कॉल करके धमकियां मिलनी शुरु हो गई. इस दिन अपराह्न करीब 3.59 बजे 8252951002 से कॉल करने वाले ने सीधे तौर पर कहा कि तुमने ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से हमारे काम के बारे में जानकारी मांगी है ना, कहां हो हम आते हैं. अपशब्दों का प्रयोग करते हुए देख लेने और रंगदारी के झूठे केस में फंसा देने की धमकी दी. उस वक्त कमलेश कुमार रांची से कांग्रेस पार्टी की संविधान बचाओ रैली में भाग लेकर वापस जमशेदपुर लौट रहे थे.
आरोपित अज्ञात व्यक्ति द्वारा फोन कटने के बाद कई बार कमलेश कुमार को फोन करते रहा, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया. ट्रू कॉलर में मोबाइल करने वाले व्यक्ति का नाम बबलू दिख रहा था. उसी दौरान नंबर बदलकर 9113395170 मोबाइल नंबर से कमलेश कुमार का फोन बजाया गया. यह नंबर ट्रू कॉलर में राजेश कुमार दर्शा रहा था. उसने भी फोन करते साथ वही धमकी लिहाज में बातें की. इस घटना के बाद कमलेश कुमार ने अगले दिन सात मई को परसुडीह थाना प्रभारी को स्पीड पोस्ट से अपने साथ घटित घटनाक्रम की शिकायत भेजी. साथ ही इसकी कॉपी एसएसपी, डीआईजी, गृह सचिव, डीजीपी, प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी स्पीड पोस्ट से भेजी गई. साथ ही मामले को उपरोक्त सभी जिम्मेदारों को ट्वीट भी किया गया. सोमवार को घटना के पांच दिन बीत जाने के बाद भी परसुडीह थाना प्रभारी फैज अहमद ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया. शिकायतकर्ता को बुलाकर घटना की जानकारी लेना भी उचित नहीं समझा, जो पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहा है.
कमलेश कुमार ने कहा कि वह बहुत जल्दी डीजीपी से मिलकर उन्हें मामले से अवगत करायेंगे और धमकी देने वाले आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग करेंगे. आज भी मेरी जान पर खतरा बना हुआ है. पुलिस-प्रशासन कोई बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे असमाजिक तत्वों की कार्रवाई उन्हें और दृढ़ संकल्पति करती है कि वह सरकार के राजस्व को चूना लगाने वाली और जनता की गाढ़ी कमाई को लूटने वाले भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ और मजबूती से लिखा पढ़ी करेंगे.
आरटीआई कार्यकर्ता ने ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल से ये मांगी थी सूचना, दो बार स्मार करने पर दी गई जानकारी से हुए असंतुष्ट, तो…..
गत 14 फरवरी को ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से सूचना अधिकार के तहत चार मांगों की जानकारी मांगी गई. फिर 27 मार्च को पहला और 5 मई को दूसरा स्मार पत्र किया गया. दूसरे स्मार पत्र के बाद विभाग की ओर से जो जानकारी सूचनादाता को दी गई. उस पर कमलेश कुमार ने असंतुष्टता जाहिर करते हुए पुन: नौ मई को पत्राचार किया है. जो जानकारी विभाग ने दी है उसके अनुसार जमशेदपुर सदर प्रखंड अंतर्गत प्रखंड विकास, जिसका एकरारनामा संख्या- 159f2/23-24 तारीख 7 मार्च 2024 है. इसकी एकरारित राशि रु. 4,94,72,980. करोड़ है. संवेदक का नाम मेसर्स राजेश कुमार कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, लालडीह घाटशिला है. एकरारनामा के अनुसार 6 मार्च 2025 तक काम पूरा करना है. उक्त कार्य पर अब-तक व्यय की गई राशि 3,49,61,029 करोड़ रुपये है. वहीं कार्य कराने वाले प्रमंडल का नाम ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल जमशेदपुर है. साथ ही आरटीआई का जवाब देने वाले जन सूचना पदाधिकारी सह कार्यपालक अभियंता ने अन्य मांगों पर यह कहकर टाल दिया कि थर्ड पार्टी होने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 9 (i) (j) के अनुसार उनकी सहमति होने के बाद ही उपलब्ध करा सकते हैं. इसके लिए उन्हें लिखा गया है. इस जवाब पर कमलेश कुमार ने कहा कि सूचना उपलब्ध कराने का मंशा को नहीं दर्शाया गया है, बल्कि टाल मटोल की नीति अपनाकर लोकतंत्र में लोकसेवक होने के नाते लोगों को भ्रमित करने तथा उनके आदेश का पालन करने में कतरा रहे हैं, क्योंकि मांगे गए सूचना एवं सुसंगत कागजातों से बहुत बड़ा घोटाला कर राज्य के राजस्व को लूट खसोट करने का कार्य कार्यपालक अभियंता के सहयोग से किया गया है.
ये मांगी गई थी आरटीआई के तहत सूचना
1. जमशेदपुर प्रखण्ड कार्यालय/अंचल कार्यालय के कैम्पस में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी आवास/अंचल अधिकारी आवास, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारी आवास तथा प्रखण्ड परिसर का विकास एवं विविध भवन निर्माण का कार्य हो रहा है. उक्त कार्य के लिये आवंटन राशि कुल कितना है. उक्त आवंटन राशि का विवरणी सहित भवन निर्माण का विवरणी, भवन का प्रकार का विवरणी अभिप्रमाणित उपलब्ध कराया जाय.
2. उक्त भवन निर्माण किस विभाग द्वारा कराया जा रहा है. उस विभाग के विभागीय पदाधिकारी का नाम/पदनाम/कार्यालय पता की सूचना दिया जाय तथा उसके लिये किस संवेदक को भवन निर्माण का कार्य दिया गया है तथा संवेदक के साथ क्या समझौता हुआ है, उक्त समझौता शर्त का प्रति अभिप्रमाणित उपलब्ध कराया जाय.
3. उक्त भवन निर्माण का कार्य आरंभ करने की तिथि तथा कितने दिनों में कार्य का समापन किया जायेगा, उससे संबंधित सुसंगत कागजात अभिप्रमाणित दिया जाय, तथा भवन निर्माण के कार्यों में कितने ईंट, लोहे का छड़, सीमेन्ट, बालू तथा अन्य सामग्री जहाँ से खरीद की जायेगी, उक्त खरीदे गये राशियों का रसीद की छाया प्रति अभिप्रमाणित दिया जाय.
4. उक्त भवन निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को कार्य आरंभ की तिथि से कार्य समापन की तिथि तक कार्यरत श्रमिकों का नाम/पदनाम/वेतनमान/कार्य का दैनिक समय-सीमा का विवरणी के साथ श्रम विधि अनुसार कामगारों को नियोजन कार्ड की क्रमांक संख्या एवं उसकी छाया प्रति अभिप्रमाणित उपलब्ध कराया जाय तथा ठेका मजदूर विनियमन एवं उन्मूलन अधिनियम 1970, नियमावली 1972 के तहत पोषित किये जाने वाले पंजियों में कामगार पंजी, उपस्थिति पंजी, वेतन पर्ची तथा सेवा पत्र आदि का रख-रखाव की व्यवस्था है. उसकी छाया प्रति के साथ किस कर्मचारी को कितना भविष्य निधि अंशदान की राशि काटकर जमा की गई है. उसका विवरणी तथा ESI का सदस्य बनाई होगी तो उसका विवरणी की छाया प्रति अभिप्रमाणित उपलब्ध कराया जाय तथा नियमानुसार वार्षिक बोनस, छंटनी मुआवजा, नोटिस पे, इत्यादि का भुगतान कराये गये कर्मचारियों का विवरणी भी उपलब्ध कराया जाय.
कमलेश कुमार ने कहा कि यह सूचना मांगने का उद्देश्य राज्य सरकार के द्वारा भवन निर्माण मद में दिये गये राशियों का लूट-खसोट करने वालों से बचाने तथा श्रमिकों पर हो रहे आर्थिक शोषण एवं अन्याय-अत्याचार को रोकने हेतु यह सूचना अति आवश्यक है.