विपक्ष के दिन भर हाथ पांव मारने, तम्बाकू खाने वाले को चौकीदार बनाने पर संगत में रोष
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर की सिख संगत इन दिनों गुरुद्वारों में पक्ष विपक्ष की लड़ाई में खुद का सर झुका हुआ महसूस कर रही है. साकची गुरुद्वारा में प्रधान की कुर्सी को लेकर जो कुछ भी चल रहा है और उसमें कौन क्या भूमिका निभा रहा है यह संगत के बीच तर्क वितर्क जारी है, लेकिन इसी बीच सोनारी गुरुद्वारा में शनिवार को हुए घटनाक्रम के बाद सभी का ध्यान उधर अंगित हो चुका है.
शनिवार को वहां प्रधान तारा सिंह ने जिन परिस्थितियों में भी इस्तीफा दे दिया, उसकी भी चर्चा हो रही है, लेकिन उससे ऊपर अब वहां जो स्थितियाँ उत्पन्न हो रही है, उससे फिर कोई बड़ी बदनामी सिख समाज के माथे लग सकती है. ऐसे में पूरी संगत की उम्मीदें कोल्हान के सिखों के प्रमुख भगवान सिंह पर जा टिकी हैं, कि वह यहां ऐसा क्या निर्णय लेंगे, जिससे संगत का मान बना रहे. किसी भी तरह का कोई विवाद अन्य गुरुद्वारों की तरह नहीं बन जाये, कि आने वाले समय में किरकिरी होती रहे.
खैर आपको बता दें कि रविवार को सोनारी गुरुद्वारा में साप्ताहिक कार्यक्रम था. सीजीपीसी के कथन के अनुसार महासचिव सुखविंदर सिंह को वहां दैनिक कार्य देखने थे. जब सुबह कार्यालय बंद होने से संगत की सेवा में होने वाली परेशानी को लेकर सीजीपीसी को फोन किया गया तो वहां से सुखदेव सिंह प्रतिनिधि के तौर पर यहां आये. कार्यालय खोला गया. उसी वक्त कार्यालय में विपक्ष के गुरदयाल सिंह, बलबीर सिंह व अन्य भी प्रवेश कर गए. उनके द्वारा ऑफिस की चीजों से छेड़छाड़ की जाने लगी तो सुखविंदर सिंह, हरजीत सिंह विरदी ने इसका विरोध किया. फिर सीजीपीसी के साथ बात हुई और सोमवार को होने वाले कार्यक्रम को लेकर भी हल निकल गया.
सुखविंदर सिंह ने यह भी बात रखी कि 15 जून को गुरुपर्व मनाना है. तब विपक्ष के एक सज्जन ने सीधे कहा कि कोई पर्व नहीं होगा. इस पर उनका विरोध भी हुआ. सुखविंदर सिंह ने बताया कि अभी प्रधान ने इस्तीफा दिया है. पूरी कमेटी अभी है. ऐसे में विपक्ष के लोग कार्यालय में खाताबही को छेड़छाड़ कैसे कर सकते हैं. पूरा हिसाब हमारे पास है. साथ ही हमारा कार्यकाल 2026 अप्रैल तक है. हमारी टीम सीजीपीसी के कहे अनुसार सहयोग करने के लिए खड़ी है. उन्होंने सीजीपीसी से मांग की है कि विपक्ष पर लगाम लगाई जाये, ताकि गुरु घर की मर्यादा बनी रहे. इतने दिनों तक जो गुरुद्वारा नहीं आये. वह सुबह से ही डेरा डाल कर रखे हुए हैं. तम्बाकू खाने वाले व्यक्ति को चौकीदार बनाकर खड़ा कर दिया गया. सब सीसीटीवी में कैद है. रात नौ बजे तक गुरद्वारा के बाहर अड्डाबाजी हो रही है. कुल मिलाकर अब तारा सिंह की टीम भी विपक्ष का विरोध करने के लिए मुखर हो चुकी है. उनका लक्ष्य है कि गुरदयाल सिंह का कब्जा किसी भी हाल में होने नहीं दिया जायेगा, जरूरत पड़ी तो न्यायलय की शरण में जायेंगे.
इसी बीच सुखविंदर सिंह ने एक पत्र भी सीजीपीसी को सौंप दिया है, जिसमें कहा है कि उनके सात ट्रस्टियों की बैठक जल्द बुलाकर कोई निर्णय लिया जाये, तांकि दैनिक कार्यों के निष्पादन की वजह से संगत को कोई परेशानी नहीं हो. इन ट्रस्टियों के नाम नंबर सहित भेजे गए हैं, जो बहुत ही शिक्षित वर्ग से आते हैं. इनमें हरभजन सिंह, मनमोहन सिंह, डॉ हरप्रीत सिंह, त्रिलोक सिंह, भूपेंद्र सिंह, गगन सिंह जगजीत सिंह शामिल हैं. इस खेला ने विपक्ष की भी नींद उड़ा दी है. बहरहाल, सीजीपीसी प्रधान सोनारी गुरुद्वारा की वोटों को अपने पाले में करने के लिए क्या जुगत बैठाते हैं, यह देखने वाली बात होगी.