फतेह लाइव, रिपोर्टर.

शहर के अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने इलेक्ट्रोल बॉन्ड्स पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले की सराहना करते हुए कहा है कि यह लोकतंत्र की मजबूती की दिशा में पहला कदम है। यह फैसला तभी सार्थक माना जाएगा जब करोड़ो रुपए का दान राजनीतिक दल को देने वाले दानकर्ताओं और सरकार के मंत्रियों तथा राजनीतिक दल का नापाक इरादे एवम इनसे देश और राज्य की आर्थिक संपति के लूट के मामले उजागर होंगे।

केन्द्र सरकार विशेषकर प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ईमानदार हैं तथा लोकतन्त्र में शुचिता को बढ़ावा देना चाहते हैं तो ऐसे मामलों की जांच ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से जांच करने का आदेश जारी किया जाना चाहिए।

लालू यादव परिवार को जिस तरह से जमीन एवं होटल मामले में कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली शराब घोटाले की जांच चल रही है।

इलेक्टरल बॉन्ड मामला उससे कहीं से कम नहीं है। आखिरकार क्यों कोई उद्योगपति घराना करोड़ों रुपए का दान राजनीतिक दल को दे रहा है। इस कलयुग में जब बाप बेटे की और बेटा बाप की परवरिश में बिना लाभ ही मंशा से नहीं करता है तो राजनीतिक दल को दान क्यों दे रहा है।

इस जांच से सामने आएगा कि कितने औद्योगिक घरानों और कितने व्यापारियों का करोड़ों रुपए का ऋण माफ किया गया है और कितने खदान और भूमि का आवंटन किया गया है।
यदि दानकर्ताओं के नाम सार्वजानिक नहीं होते हैं और दान का मकसद की जांच नहीं होती है तो सुप्रीम कोर्ट के फैसला से लोकतंत्र को कोई फायदा होने वाला नहीं है। आम आदमी का भरोसा जीतने के लिए इन सब मामलों की जांच अवश्य होनी चाहिए और आपराधिक दंड प्रक्रिया के तहत दोषियों को जेल भी भेजा जाना चाहिए।

इस मकसद के लिए केंद्र सरकार एक एसआईटी का गठन करें और राज्य स्तर पर विशेष न्यायालय की स्थापना करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट दे और सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज ऐसे मामलों की मॉनिटरिंग करे।

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मैं सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. आज न्यायालय ने भाजपा की कुरीतियों का पर्दाफास कर दिया. न्यायालय ने चुनावी बांड को निरस्त करते हुए जनता की हक़ मे फैसला लिया है.
इस से चुनाव के समय नोट के बदले वोट को ज्यादा ताक़त मिलेगी.इस ऐतिहासिक फैसले का कोर्ट की जितनी प्रशंसा की जाएं वो कम है.

देबाशीष घोष
अध्यक्ष (कांग्रेस टेल्को मण्डल)

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