- 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया महाप्रसाद, रघुवर दास ने की व्यवस्थाओं की सराहना
फतेह लाइव, रिपोर्टर
सूर्य मंदिर समिति, सिदगोड़ा द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना की पंचम वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा एवं नौ दिवसीय अनुष्ठान का भव्य समापन शनिवार को विशाल महाभंडारे के साथ हुआ. इस पावन अवसर पर 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने श्रद्धापूर्वक महाप्रसाद ग्रहण किया. सूर्य मंदिर परिसर के शंख मैदान एवं परिसर में प्रसाद वितरण के लिए 20 काउंटर और शीतल पेय जल के लिए 10 काउंटर लगाए गए थे. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए और प्रसाद वितरण को सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए मंदिर समिति ने विशेष व्यवस्थाएं की थीं, जिनमें पुरुष और महिला श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग स्थानों पर प्रसाद वितरण किया गया. दोपहर 12 बजे से लेकर देर शाम तक चले इस महाभंडारे में श्रद्धालुओं को खिचड़ी, सब्जी, चटनी और खीर का महाभोग परोसा गया.
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अनुष्ठान समापन पर 15 हजार भक्तों ने ग्रहण किया प्रसाद
मंदिर समिति ने इस आयोजन के दौरान पर्यावरण संरक्षण को भी ध्यान में रखते हुए प्रसाद वितरण के लिए कागज के ग्लास और प्लेट की व्यवस्था की. इसके साथ ही भंडारे के दौरान सामाजिक समरसता की अनुपम झलक देखने को मिली, जिसमें संत निरंकारी मंडल एवं राधा स्वामी तरण तारण के दर्जनों सदस्य भी सेवा में जुटे रहे और प्रसाद वितरण में सहयोग दिया. इस दौरान महिला एवं पुरुष स्वयंसेवकों ने श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ध्यान रखा। सूर्य मंदिर समिति ने सभी स्वयंसेवकों के समर्पण भाव और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया.
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श्रद्धालुओं के सहयोग से हुआ आयोजन का सफल समापन
इस पूरे आयोजन में सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास लगातार व्यवस्थाओं की देखरेख करते रहे. उन्होंने विभिन्न काउंटरों पर जाकर तैयारियों का जायजा लिया और श्रद्धालुओं एवं स्वयंसेवकों से मिलकर उनका उत्साहवर्धन किया. रघुवर दास ने इस अवसर पर कहा कि श्रीराम कथा एवं नौ दिवसीय अनुष्ठान का समापन महाभंडारे के रूप में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी, जिसे जमशेदपुर की जनता के अतुलनीय सहयोग और प्रभु श्रीराम की कृपा से सफलतापूर्वक संपन्न किया गया. उन्होंने सभी श्रद्धालुओं, महिलाओं, युवाओं एवं भक्तगणों का आभार प्रकट किया और कहा कि इस आयोजन में भाग लेकर हर भक्त के चेहरे पर संतोष और श्रद्धा की झलक दिखी, जो इस आयोजन की सफलता का प्रतीक है.