भक्तिमय भजनों पर झूमे श्रद्धालु, दीपोत्सव से जगमगाया सूर्यधाम, शनिवार को होगा विशाल महाभण्डारा
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा- एक बार फिर सिद्ध हुआ धर्मप्रेमी और आध्यात्मिक चेतना से परिपूर्ण है जमशेदपुर
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर के सिदगोड़ा सूर्य मंदिर समिति द्वारा श्रीराम मंदिर स्थापना के पंचम वर्षगांठ के पावन अवसर पर आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा का शुक्रवार को विधिवत समापन हुआ. कथा के अंतिम दिन का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच व्यास पीठ व व्यास पूजन के साथ किया गया. इसके पश्चात श्रीधाम वृंदावन से पधारे पूज्य आचार्य राजेंद्र जी महाराज का श्रद्धापूर्वक स्वागत किया गया. विश्राम दिवस पर कथा व्यास आचार्य राजेंद्र जी महाराज ने विशाल भक्त समुदाय के समक्ष सुंदरकांड एवं श्रीराम के राज्याभिषेक की भावपूर्ण कथा सुनाई. उन्होंने बताया कि सुंदरकांड भगवान श्रीराम के पराक्रमी भक्त हनुमान जी की शक्ति, भक्ति और सेवाभाव का प्रतीक है. कथा में बताया गया कि जब श्रीहनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे, तो उन्हें अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा. सुरसा और लंकिनी जैसी राक्षसियों को परास्त कर वे विभीषण से भेंट कर अशोक वाटिका पहुंचे, जहां उन्हें माता सीता का दर्शन प्राप्त हुआ. उन्होंने प्रभु श्रीराम का संदेश माता सीता तक पहुँचाया और फिर लंका को जलाकर भगवान के पास लौटे.
कथा में इसके बाद राम-रावण युद्ध का वर्णन किया गया, जिसमें सत्य और धर्म की विजय का संदेश निहित है. आचार्य राजेंद्र जी ने बताया कि रावण का अहंकार और अधर्म अंततः नष्ट हुआ, क्योंकि यह सनातन सिद्धांत है कि सत्य की सदैव विजय होती है. युद्ध के उपरांत भगवान श्रीराम अयोध्या लौटे, जहाँ उनका राज्याभिषेक किया गया. यह क्षण संपूर्ण अयोध्यावासियों के लिए अपार हर्ष और आनंद का था. रामराज्य की स्थापना का अर्थ एक ऐसे आदर्श समाज की स्थापना है, जहाँ न्याय, प्रेम, सत्य और समृद्धि का वास हो. रामराज्याभिषेक के साथ ही श्रीराम कथा का विधिवत विश्राम हुआ. इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने भक्ति-रस में सराबोर होकर फूलों की होली खेली और भक्तिमय भजनों पर झूमकर नृत्य किया. पूरा वातावरण राममय और भक्तिमय हो उठा। इससे पहले, मंदिर समिति द्वारा संगीतमय रामकथा के विश्राम से पूर्व विशेष पूजन और हवन कर शहरवासियों के सुख-समृद्धि और आरोग्यता की कामना की गयी.
कथा के विश्राम दिवस पर सूर्य मंदिर समिति के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि वृंदावन से पधारे पूज्य कथावाचक आचार्य राजेंद्र जी महाराज को सादर नमन करता हूँ, जिन्होंने सात दिवसीय राम कथा के विभिन्न प्रसंगों को इतनी सारगर्भित, मार्मिक और भावपूर्ण शैली में प्रस्तुत किया कि हम सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए. उनकी वाणी से निकले रामकथा के अमृत ने श्रद्धालुजनों के हृदय को भाव-विभोर कर दिया और सभी को भगवान श्रीराम के आदर्शों को आत्मसात करने की प्रेरणा दी. मैं जमशेदपुर की श्रद्धालु जनता, विशेषकर सूर्य मंदिर समिति की पूरी टीम को भी नमन करता हूँ, जिन्होंने इस आयोजन को भव्य और सफल बनाने में तन, मन और धन से सहयोग किया. सात दिनों तक संपूर्ण जमशेदपुर राममय हो गया, जिससे यह सिद्ध हुआ कि यह नगर धर्मप्रेमी और आध्यात्मिक चेतना से परिपूर्ण है. रघुवर दास ने कहा कि राम कथा केवल कथा नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला एक अनमोल मार्गदर्शन है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी रामराज्य की बात करते थे, क्योंकि भगवान श्रीराम मर्यादा, आदर्श, और धर्म के प्रतीक हैं। हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज और राष्ट्र को सशक्त बनाना है.
उन्होंने कहा कि सूर्य मंदिर समिति का यह सतत प्रयास रहता है कि अध्यात्म और संस्कृति के प्रचार-प्रसार में कोई कमी न रहे. राम कथा, छठ महोत्सव, पवित्र सावन माह में सामूहिक जलाभिषेक यात्रा, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जैसे धार्मिक आयोजनों को सफल बनाने में जमशेदपुरवासियों का सहयोग अतुलनीय है. इस बार भी श्रद्धालुजन झोपड़ियों से लेकर बाज़ारों तक, हर वर्ग, हर जाति, हर समुदाय से जुड़कर इस आयोजन का हिस्सा बने, जो हमारी सनातन संस्कृति की व्यापकता को दर्शाता है. आज हम देख रहे हैं कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है, तब अध्यात्म और सनातन संस्कृति का पुनर्जागरण भी हो रहा है. काशी विश्वनाथ धाम, केदारनाथ, बद्रीनाथ, वृंदावन और अन्य पवित्र स्थलों का पुनर्निर्माण एवं भव्य विकास इस दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है. भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और हमारी संस्कृति के पुनरुत्थान के साथ आर्थिक समृद्धि भी सुनिश्चित हो रही है. कहा कि हम सब मिलकर इसी तरह धर्म और संस्कृति की सेवा करते रहें, यही मेरी मंगलकामना है.
सूर्य मंदिर समिति के संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह ने जमशेदपुर की जनता समेत सभी के सहयोग और आशीर्वाद के लिए आभार जताया. उन्होंने कहा कि श्रीराम कथा में भक्तों के आपार समूह ने इस लंबे आयोजन को सफल बनाया. उन्होंने कहा कि सूर्य मंदिर समिति सभी के सहयोग से धर्म- संस्कृति संरक्षण और विश्व कल्याण की दिशा में निरंतर ऐसे आयोजन करती रहेगी. चंद्रगुप्त सिंह ने अनुष्ठान में लगे सभी समर्पित सदस्यों समेत मंदिर समिति के पदाधिकारी एवं वरीय सदस्यों के प्रति धन्यवाद प्रकट किया.
सूर्य मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने जमशेदपुर की राम भक्त जनता, महिलाएं पुरुष, युवाओं के प्रति आभार जताया, जिनके सहयोग से राम कथा का सफलतापूर्वक विश्राम हुआ. कहा कि जनसहयोग और सेवा भावना के बल पर सूर्य मंदिर समिति यूं ही सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करती रहेगी.
कथा के विश्राम दिवस पर मंच संचालन सूर्य मंदिर समिति के वरीय सदस्य गुंजन यादव ने किया. सूर्य मंदिर समिति द्वारा शनिवार को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जो दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगा.
सूर्य मंदिर परिसर में दिखी दीपोत्सव की आलौकिक छटा
सिदगोड़ा सूर्य मंदिर परिसर स्थित श्रीराम मंदिर स्थापना की पंचम वर्षगांठ के अवसर पर सूर्य मंदिर समिति द्वारा शुक्रवार को संध्याकाल में दीपोत्सव का भव्य आयोजन किया गया. इस अवसर पर 51 सौ शुद्ध देसी घी के दीप प्रज्वलित किए गए, जिससे संपूर्ण मंदिर परिसर आलोकित हो उठा. सूर्य मंदिर के मुख्य संरक्षक सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने श्रद्धालुओं के संग भगवान श्रीराम के जयघोष के साथ दीप जलाकर आस्था और भक्ति का प्रकाश फैलाया. श्रद्धालुओं ने दीप जलाकर खुशियाँ मनाईं और प्रभु श्रीराम से सुख, शांति व समृद्धि की प्रार्थना की.
कथा में सूर्य मंदिर समिति के मुख्य संरक्षक सह पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास सपत्नीक, विधायक पूर्णिमा साहू, संरक्षक चंद्रगुप्त सिंह, अभय सिंह, मंदिर समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह, महासचिव अखिलेश चौधरी सपत्नीक, सुशांत पांडा, मिथिलेश सिंह यादव, गुंजन यादव, कल्याणी शरण, टुनटुन सिंह, अमरजीत सिंह राजा, शैलेश गुप्ता, रूबी झा, बोलटू सरकार, शशिकांत सिंह, कंचन दत्ता, बंटी अग्रवाल, प्रमोद मिश्रा, राकेश सिंह, अमित अग्रवाल, पवन अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, नीलू मछुआ, तजिंदर सिंह, उमेश गिरी, कुमार अभिषेक, हरेराम यादव, ओम पोद्दार, ममता भूमिज रमेश तिवारी समेत अन्य मौजूद रहे.