सेकेंड एंट्री गेट में तीसरी बार क्यों बने यह हालात…, पार्किंग कर्मियों का क्यों बढ़ रहा मन!
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
दक्षिण पूर्व रेलवे प्रशासन ने करोड़ों लेकर यात्रियों की जान को खतरे में डाल दिया है. आने वाले समय में क्या होगा यह तो वक्त बताएगा, लेकिन मेन पार्किंग में होने वाली घटनाओं पर सेकेंड एंट्री गेट के विवाद ने पर्दा डालकर यह साबित कर दिया है कि दोनों ओर यात्री असुरक्षित है. खैर, शुक्रवार को नए रेल एसपी ने यहां योगदान दिया है. थाना प्रभारी का पद प्रभार में चल रहा है. यह विवाद नए रेल एसपी के लिए चुनौती भी होगा.
टाटानगर स्टेशन की सेकेंड एंट्री गेट पार्किंग जहां अब तक सब कुछ ठीक ठाक था. पिछले ठेकेदार भी यहां से चल गए. नए पार्टनरों की कमान में यह तीसरी लड़ाई सामने आई है. एक लड़ाई वहां के सूदखोर और पार्किंग के कर्मचारी से जुडी हुई है, जिसमें मान मन्नोवल लगभग हो चूका है, शायद रेल पुलिस उसे इसलिए नहीं पकड़ रही.खैर, शुक्रवार रात करीब आठ बजे पार्किंग कर्मियों ने पटना जाने वाले यात्री को हॉकी स्टिक से पीटकर घायल कर दिया. इस घटना ने स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था और पार्किंग प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
बहरहाल, घायल यात्री की पहचान बिहार निवासी मनीष कुमार सिंह के रूप में हुई है, जो काम की तलाश में जमशेदपुर आए थे. घटना के वक्त वह साउथ बिहार एक्सप्रेस पकड़ने के लिए सेकेंड एंट्री गेट पहुंचे थे. वहीं पार्किंग शुल्क को लेकर उनकी बहस कर्मियों से हो गई. विवाद इतना बढ़ा कि कर्मियों ने उन पर हॉकी स्टिक से हमला कर दिया. गंभीर रूप से घायल मनीष किसी तरह जीआरपी थाना पहुंचे, लेकिन मामला यहीं नहीं रुका थोड़ी देर बाद पार्किंग से जुड़े 8 से 10 युवक थाने पहुंच गए और पुलिस के सामने ही मनीष को जान से मारने की धमकी दी.
यहां तक कि हाथापाई की कोशिश भी की गई. स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि टाटानगर की पार्किंग असली कर्मियों से ज्यादा असामाजिक तत्वों के कब्जे में है. यात्रियों से विवाद, धमकी और वसूली जैसी घटनाएं आम हो चुकी हैं. लोगों का कहना है कि रेलवे और जिला प्रशासन को तत्काल जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
यात्रियों ने चेतावनी दी है कि यदि स्थिति पर नियंत्रण नहीं हुआ तो टाटानगर स्टेशन का माहौल बिगड़ता जाएगा. रेलवे जैसी संवेदनशील जगह पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना प्रशासन की जिम्मेदारी है. आपको बता दें कि टाटानगर मेंटेंडर नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं. केवल पार्किंग की बात करें तो किसी के पास आई कार्ड नहीं है. स्टेशन के अंदर कई अनाधिकृत लोग घूम रहे हैं. रेल प्रशासन ने यात्रियों का मज़ाक बना कर रखा है. पार्सल पार्किंग को भी संदिग्ध लोगों के लिए खुला छोड़ रखा है.