• मरीज की हालत बिगड़ने पर डॉक्टर पीयूष जैन को ₹1.77 लाख क्षतिपूर्ति का आदेश, 45 दिनों में भुगतान का निर्देश
  • आयोग का स्पष्ट संदेश लापरवाही पर नहीं मिलेगी छूट, देना होगा हर्जाना

फतेह लाइव, रिपोर्टर

जमशेदपुर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में पश्चिमी सिंहभूम के पपरहाटा निवासी मोहम्मद इम्तियाज के पक्ष में निर्णय सुनाया है. यह मामला 18 मार्च 2021 को झींकपानी रेलवे स्टेशन के पास एक सड़क दुर्घटना में घायल हुए इम्तियाज से जुड़ा है. उन्हें गंभीर चोट के बाद जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित स्टील सिटी क्लिनिक में डॉक्टर पीयूष जैन के पास इलाज के लिए भर्ती कराया गया था. आयोग ने पाया कि डॉक्टर द्वारा की गई पहली सर्जरी में लापरवाही बरती गई, जिससे मरीज की हालत और खराब हो गई और उसे दोबारा सर्जरी करानी पड़ी. मामले की गंभीरता को देखते हुए आयोग ने डॉक्टर को 45 दिनों के भीतर ₹1 लाख मुआवजा, ₹67,780 इलाज खर्च और ₹10,000 वाद व्यय चुकाने का आदेश दिया है.

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चिकित्सकीय लापरवाही पर आयोग सख्त, मरीज को मिला न्याय

शिकायतकर्ता के अनुसार, पहली सर्जरी गलत तरीके से की गई थी, जिससे संक्रमण और जटिलता बढ़ी. इसके चलते उन्हें न केवल बार-बार अस्पताल जाना पड़ा बल्कि राउरकेला के अस्पताल में तीसरी बार ऑपरेशन कराना पड़ा. मरीज का आरोप था कि वह अब चलने-फिरने में असमर्थ है और अपनी आजीविका भी खो चुका है. वहीं, डॉक्टर पीयूष जैन ने सभी आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि उन्होंने मरीज का इलाज पूरी ईमानदारी से किया और गंभीर संक्रमण के चलते ऑपरेशन करना पड़ा. परंतु आयोग ने डॉक्टर के बयान और प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर यह स्पष्ट किया कि पहली सर्जरी में त्रुटि थी और दूसरी सर्जरी की जरूरत उसी कारण पड़ी.

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डॉक्टर के बयान से खुली लापरवाही की परत, आयोग ने दिया मुआवजा आदेश

आयोग ने यह भी कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत इलाज होने के बावजूद मरीज ने अतिरिक्त निजी खर्च भी किए हैं और मानसिक व शारीरिक पीड़ा भी सही है. डॉक्टर द्वारा आवश्यक नट और स्क्रू नहीं हटाने को भी गंभीर लापरवाही माना गया. आयोग ने अपने फैसले में कहा कि यदि निर्धारित 45 दिनों में भुगतान नहीं किया गया तो 9% वार्षिक ब्याज के साथ वसूली की जाएगी. इस निर्णय की प्रति दोनों पक्षों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी तथा आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड की जाएगी.

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