प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग करने से पर्यावरण की समस्या बढ़ीः सरयू राय
बी चंद्रशेखरन की अपीलःसरयू राय सोलर पैनल सिस्टम को लेकर आवाज बुलंद करें
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक और मासिक पत्रिका युगांतर प्रकृति के संरक्षक सरयू राय ने बुधवार को कहा कि प्रकृति ने जो संसाधन हमें मुफ्त में प्रदान किये हैं, हम उनका उतना ही ज्यादा दुरुपयोग कर रहे हैं. हमने नदियों को गंदा कर दिया. अब कई नदियों का पानी पीने योग्य नहीं रहा. यह स्थिति खतरनाक है.
यहां राजेंद्र विद्यालय के सभागार में पर्यावरण जागरुकता प्रतियोगिता के अध्यक्ष के रुप में अपने विचार व्यक्त करते हुए सरयू राय ने कहा कि 1985 के पहले कोई नहीं सोचता था कि कभी बोतलबंद पानी पीने की भी नौबत आएगी. कोई कांसेप्ट ही नहीं था. अब देखिए तो पूरा बाजार बोतलबंद पानी से अटा पड़ा है. इसका कारण यह है कि हमने पानी को गंदा कर दिया और अब शुद्ध पानी पीने के लिए हमें बोतलबंद पानी पीना पड़ रहा है.
सरयू राय ने कहा कि जिस रफ्तार से शहरी विकास हो रहा है, उससे यह डर पैदा हो गया कि शहरों का विकास बेतरतीब न हो जाए. यह बेतरतीब विकास बहुत बड़ा खतरा है. भारत सरकार इस खतरे को समझ रही है और 5 जून को इसी संबंध में देश भर के पर्यावरण से जुड़े सरकारी प्रतिष्ठानों के अदद लोगों की बैठक बुलाई है. संभव है कि उसमें प्लास्टिक के इस्तेमाल को लेकर ज्यादा चर्चा हो.
जमशेदपुर में प्रदूषण के मुद्दे पर राय ने कहा कि जमशेदपुर की हवा हम लोगों ने ही गंदा कर दिया है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ है. हम लोगों को सस्टेनेबुल प्रगति चाहिए. यहां तो सब एकतरफा ही दिख रहा है. सरयू राय ने कहा कि आने वाले दिनों में पर्यावरण की भयावहता से बचना है तो बच्चों को ऐसे संस्कार देने होंगे, जिससे वो पर्यावरण का नुकसान न कर सकें. यह बेहद जरूरी है कि हम पर्यावरण को गंदा न करें.
आप पर्यावरण के साथ अड़ोगे तो पर्यावरण भी अड़ेगाः दिनेश मिश्र
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि और विख्यात पर्यावरणविद दिनेश मिश्र ने कहा कि अभी पर्यावरण की रक्षा के लिए हमें बहुत कुछ करना है. उन्होंने महाभारत की कहानी सुनाते हुए कहा कि अगर आप पर्यावरण के साथ अड़ोगे तो पर्यावरण भी अड़ेगा. उन्होंने बेंत के किस्से का जिक्र किया. मिश्र ने कहा प्रकृति ने हमें जो कुछ भी दिया है, उनमें समन्वय स्थापित करके ही जिंदगी चल सकती है. बिना समन्वय के तो जिंदगी चलेगी ही नहीं. उन्होंने बच्चों को पर्यावरण से जोड़ने पर खासा जोर दिया.
कार्बन फुटप्रिंट्स की सीमा हमने लांघ दी हैःप्रज्ञा सिंह
डीएवी स्कूल की प्राचार्या प्रज्ञा सिंह ने कहा कि हमारे दुख का बड़ा कारण अब यह भी है कि कार्बन फुटप्रिंट्स की सीमा हमने लांघ दी है. बर्फ पिघलने लगी है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण यह सब होने लगा है. पहले ऋतुएं के वक्त तय थे. अब सब अनियमित हो गया है. उन्होंने प्रकृति से हर किसी को, खास कर बच्चों को जोड़ने की अपील की.
पर्यावरण को टेकेन फॉर ग्रांटेड नहीं लिया जा सकताःसीपीएन सिंह
बिहार एसोसिएशन के सीपीएन सिंह ने कहा कि पर्यावरण को अब टेकेन फॉर ग्रांटेड नहीं लिया जा सकता. अब पर्यावरण पर ध्यान देना जरूरी है. पहले अपना घर साफ करना जरूरी है. फिर दूसरे को यह बताना जरूरी है कि अगर तुम्हारा घर साफ नहीं होगा तो क्या नुकसान हो सकता है. डीबीएमएस कॉलेज ऑफ एजुकेशन के चेयरपर्सन बी चंद्रशेखरन ने पर्यावरण को बड़ा मुद्दा बताते हुए लोगों से अपील की कि वे सरयू राय जी से सीखें. पर्यावरण को लेकर जितने गंभीर राय रहते हैं, उतनी गंभीरता हमें भी लानी होगी. उन्होंने राय से अपील की कि वे सोलर पैनल सिस्टम को लेकर आवाज उठाएं क्योंकि सोलर पैनल सिस्टम बेहद किफायती और पर्यावरण के हितों की रक्षा करने वाला है. इसके पूर्व विषय प्रवेश एसपी सिंह ने कराया. मंच संचालन चंद्रदीप पांडेय जबकि आभार प्रदर्शन अशोक गोयल ने किया.
विभिन्न प्रतियोगिताओं के परिणामः
क्विज प्रतियोगिता (सीनियर) में प्रियंका यादव प्रथम, सपन कुमार महतो दिव्तीय जबकि कृष्णा कुमार ठाकुर तृतीय रहे. क्विज प्रतियोगिता (जूनियर) में नैवेद्य प्रसाद प्रथम, गौरव कुमार द्वितीय जबकि लक्ष्मी पूर्ति तृतीय स्थान पर रहीं. भाषण प्रतियोगिता (सीनिय़र) में पीहू कुमारी प्रथम, कुमारी अनुषिका द्वितीय जबकि अनुष्का कुमारी तृतीय स्थान पर रहीं. भाषण प्रतियोगिता (जूनिय़र) में ऐश्वर्या झा प्रथम, अक्षय कीर्ति कमल द्वीतीय और भव्या लक्ष्मी तथा अयांशी राय संयुक्त रुप से तृतीय स्थान पर रहीं.
चित्रकला प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में अदिति शर्मा प्रथम, नंदिनी साहू द्वीतीय तथा तनु कुमारी तृतीय स्थान पर रहीं. उधर, निबंध प्रतियोगिता में सीनियर वर्ग में नितिन कुमार प्रथम, कनिष्क राज द्वितीय और अनुष्का तृतीय स्थान पर रही. इसी प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में निरुपा कुमारी प्रथम, बेबी कुमारी द्वितीय और श्रेया बिस्वास तृतीय स्थान पर रहीं. हर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाणपत्र दिया गया.
