मांगी सूचना मिली धमकी, प्रशासन मौन, 92 दिनों से जद्द कर रहे कृतिवास मंडल बोले – नियम कानून को दुरुस्त बनाना होगा

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

वर्ष 2005 से लेकर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुखर होकर आवाज उठाने वाले और सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगकर भ्रष्टचार में संलिप्त सरकारी पदाधिकारीयों के ऊपर कार्रवाई कराने वाले आरटीआई एक्टिविस्ट आरटीआई कार्यकर्ता संघ के केन्द्रीय महासचिव सह आजसू पार्टी के जिला सचिव कृतिवास मंडल 92 दिनों से न्याय के लिए जदोजद्द कर रहे हैं. उनका आरोप है कि विगत दिनों आरटीआई नहीं करने की हिदायत देने के साथ-साथ जान मारने की धमकी फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा पोटका प्रखंड विकास पदाधिकारी से कई बिंदुओं पर आरटीआई मांगने को लेकर दी गई थी.

फैज अहमद तत्कालीन परसुडीह थाना प्रभारी के द्वारा कृतिवास मंडल से एफआईआर दर्ज करने के नाम पर लिखित शिकायत आवेदन लिया गया था, लेकिन विडंबना है कि आज 92 दिन बीत जाने के पश्चात भी आरटीआई एक्टिविस्ट कृतिवास मंडल के मामले पर तत्कालीन परसुडीह थाना प्रभारी फैज अहमद के द्वारा प्रथामिकी दर्ज नहीं किया गया है. भले अब वह थाना में नहीं है.

मो. तौकीर आलम डीएसपी लां एंड आर्डर जमशेदपुर के द्वारा भी उपरोक्त मामले में कृतिवास मंडल से पूछताछ की गई थी और निष्पक्ष कार्रवाई करने कि बात कही गई थी, लेकिन आश्चर्य कि बात ये है कि अब तक आरोपी की पहचान कर कार्रवाई नहीं की गई.

एफआईआर दर्ज नहीं होना और कृतिवास मंडल की जान माल की सुरक्षा हेतु सुरक्षा प्रदान नहीं करना प्रशासन पर कई सवालिया निशान खड़ा करता है. इस तरह के कई विरोध दर्ज कराते हुए सोमवार को झारखंड विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया जायेगा. न्याय की उम्मीद से.

मंडल ने मांग की है कि आरटीआई कार्यकर्ता संघ के केन्द्रीय महासचिव  मंडल (यानी मुझे) और आरटीआई कार्यकर्ता सुनील मुर्मू को फोन पर धमकी देने वाले को पहचान कर शीघ्र गिरफ्तार की जाये.

ये भी रहेगी प्रमुख मांग

झारखंड राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों मानवधिकार आयोग महिला आयोग लोकपाल जैसे संवैधानिक संस्थाओं के अध्यक्ष और सदस्यो की शीघ्र नियुक्ति और झारखंड राज्य के 24 जिलों के आरटीआई एक्टिविस्टों की राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाए.

उन्होंने सरकार से यह मांग करते हुए कहा कि विगत कुछ वर्षों में पुलिस प्रशासन और सरकार की लापरवाही के चलते देश के कई आरटीआई एक्टिविस्टों की हत्याएं हो चुकी हैं. संघ के केन्द्रीय अध्यक्ष दिल बहादुर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि आरटीआई एक्टिविस्टों की सुरक्षा एवं लोकतांत्रिक अधिकारों के संरक्षण के लिए किसी भी स्तर तक संघर्ष किया जाएगा. अब जिला प्रशासन की लापरवाही किसी भी प्रकार से बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उपरोक्त मामले में त्वरित और निष्पक्ष कार्रवाई की मांग को लेकर सोमवार को झारखंड विधानसभा रांची के कूटे मैदान में आरटीआई कार्यकर्ता संघ धरना पर बैठेंगे.

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