फतेह लाइव, रिपोर्टर.
झारखंड हाई कोर्ट में वर्ष 1984 के सिख दंगा के झारखंड में प्रभावित लोगों को मुआवजा दिलाने एवं सिख दंगा से संबंधित केस क्रिमिनल केस की मॉनिटरिंग करने को लेकर दायर सतनाम सिंह गंभीर जनहित याचिका की सुनवाई मंगलवार को हुई.
कोर्ट ने याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गम्भीर को निर्देश दिया कि वह जिलावार बताएं कि कितने पीड़ितों को मुआवजा नहीं मिला है? कोर्ट ने मुआवजा नहीं मिलने वाले पीड़ितों की सूची को प्रस्तुत करने का निर्देश प्रार्थी सतनाम सिंह गम्भीर को दिया है.
जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सिख दंगा मामले लंबित 650 क्रिमिनल केस में से 550 केस में चार्जशीट दाखिल हो चुका है.
बोकारो जिला से संबंधित दर्ज 23 क्रिमिनल केस के दस्तावेज नहीं मिल रहे हैं. बाकी जिलों में लंबित केस के निष्पादन को लेकर डीजीपी ने संबंधित जिलों के एसपी को नोडल अधिकारी बनाया है. सरकार की ओर से अभी बताया गया कि मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गई है.
वन मैन कमीशन द्वारा अनुशंसा किए गए 41 पीड़ितों में से 39 पीड़ितों को मुआवजा दे दिया गया है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने पैरवी की. याचिकाकर्ता सतनाम सिंह गंभीर ने कहा की उच्च न्यायालय ने बहुत बड़ी ज़िम्मेवारी दी है, वो जल्द ही झारखंड के हर ज़िले का दौरा कर उन पीड़ित परिवारों की सूची इकठा करेंगे, जिनको अब तक मुआवज़ा नही मिला है. उन्होंने कहा की उनका संघर्ष अंतिम पीड़ित परिवार को इंसाफ़ मिलने तक जारी रहेगा.