2019 के विधानसभा चुनाव में मतों के मामले में फूल से पीछे रह गया था फल, भाजपा समर्थकों को यकीन है कि अगले चुनाव में पहली बार जरूर खिल जायेगा कमल
चरणजीत सिंह, मुख्य संपादक
कोल्हान प्रमंडल में आने वाली जुगसलाई विधानसभा सीट झामुमो के लिए बेहद खास है। एक वक्त ऐसा भी रहा है.जब कोल्हान प्रमंडल की चौदह सीटों में सिर्फ जुगसलाई पर ही झामुमो का कब्जा था। बाकी पर भाजपा का कमल खिला हुआ था। आज भी जुगसलाई पर झामुमो ही काबिज है। कुछ महीनों बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं। अगर विरोधी दल की बात की जाय तो एनडीए गठबंधन में शामिल भाजपा और आजसू पार्टी दोनों का इस सीट पर दावा है। झामुमो से पहले आजसू पार्टी ने यह सीट जीती थी। रामचंद्र सहिस ने परचम लहराया था। कैबिनेट मंत्री भी बने थे। इसके बाद वे मंगल कालिंदी से चुनाव हार गए। 2019 का पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा और आजसू ने अकेले लड़ा था। जुगसलाई में आजसू से अधिक मत भाजपा ने हासिल किये थे। यही आंकडा आजसू पार्टी के गले की हड्डी बन गया है। 2019 के चुनाव परिणाम को सामने रख कर भाजपाइयों का बड़ा समूह अभी से जुगसलाई सीट पर दावेदारी ठोकने लगा है। भाजपाई दावा कर रहे हैं कि इस सीट से भाजपा चुनाव लड़ती है तो पहली बार यहां कमल खिलने से कोई रोक नहीं सकता। (नीचे पढ़ें)
दरअसल,इस सीट पर भाजपा की कभी विजय नहीं हुई है। झारखंड बनने के पहले और बाद में इस सीट पर झामुमो का एकतरफा राज रहा है। भाजपा हमेशा दूसरे नंबर की पार्टी रही। झामुमो के एकाधिकार को आजसू ने तोड़ा। दुलाल भुइयां लगातार विधायक चुने जाते रहे थे। उन्हें पहली बार आजसू के रामचंद्र सहिस ने हराया था। जब रामचंद्र सहिस का खूंटा मजबूत दिखने लगा था. तब झामुमो के टिकट पर मंगल कालिंदी ने उनका पत्ता काट दिया। अब मंगल कालिंदी मजबूत दिख रहे हैं। भाजपाई फूसफुसा रहे हैं कि रामचंद्र सहिस अब राजनीतिक तौर पर फूटा हुआ पटाखा हो चुके हैं। इसी कारण पिछले विधानसभा चुनाव में आजसू पार्टी तीसरे नंबर पर खिसक गई थी। पिछले चुनाव में भाजपा के मत आजसू से ज्यादा थे। वही आंकड़े भाजपाइयों के हौसले बढ़ा रहे हैं, नई उम्मीद जगा रहे हैं। हालांकि यह बता दें कि अगर गत चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो आजसू-भाजपा के एक होने से उनके मत एक लाख लांघ रहे हैं, तो झामुमो के लिए चुनौती भी हो सकता है. (नीचे पढ़ें)
भाजपा से नीलू मछुआ क्षेत्र में लगा रही जोर
इधर, आगामी चुनाव की बात हो या उससे पहले की. जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र में इन दिनों भाजपा की महिला नेत्री नीलू मछुआ क्षेत्र में सक्रिय दिख रही हैं. वैसे तो वह 15 सालों से क्षेत्र में काम कर रही है, लेकिन इस बार वह और उनके करीबी सीट के लिए उम्मीद लगाये बैठे हैं. नीलू मछुआ ने दावा किया कि अगर भाजपा यहां से टिकट देती है तो गत चुनाव के परिणाम और मेरी लोकप्रियता के कारण निश्चित ही यहां भाजपा परचम लहराएगी. (नीचे पढ़ें)
2019 के विधानसभा चुनाव के परिणाम
झामुमो : मंगल कालिंदी : 88581: 41 फीसदी
भाजपा : : मुचीराम बाउरी : 66647 : 31 फीसदी
आजसू पार्टी : रामचंद्र सहिस : 46779: 21 फीसदी (नीचे पढ़ें)
::: भाजपाइयों का दावा :::
चूंकि भाजपा का आजसू पार्टी के साथ गठबंधन है, लेकिन फिर भी हम कार्यकर्ताओं की इच्छा अनुसार चाहेंगे कि जुगसलाई सीट भाजपा को मिले. वह इसलिए भी क्योंकि पिछले चुनाव में यहां भाजपा दूसरे नंबर पर थी. तब आजसू के साथ गठबंधन नहीं था. यह तो पार्टी के वरीय नेताओं को निर्णय लेना है, जैसा पार्टी का निर्णय होगा वैसा चुनाव में काम करेंगे. भाजपा को सीट मिलती है तो निश्चित इस पर यहां इतिहास बदलने का कार्य पार्टी के हर कार्यकर्ता करेंगे. (नीचे पढ़ें)
सुधांशु ओझा, जिला अध्यक्ष, भाजपा
जुगसलाई विधानसभा सीट इस बार भाजपा को मिलनी चाहिए. भाजपा के शीर्ष नेता को इसके लिए अभी से पहल करनी चाहिए. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा यहां दूसरे नंबर पर आई थी. उस हिसाब से अगर पार्टी चुनाव लड़ती है तो यहां का इतिहास बदलने का कार्य होगा, चुंकि इतिहास कहता है कि इस सीट पर भाजपा ने कभी परचम नहीं लहराया, जिसे इतिहास के पन्नों से उड़ाना है. नीलू मछुआ, जिला सचिव, भाजपा (नीचे पढ़ें)
नीलू मछुआ, जिला सचिव, महानगर भाजपा.
::: आजसू का कथन ::
यह विषय हाईलेबल है. चूंकि दोनों पार्टियों में गंठबंधन है, ऐसे में दोनों ही पार्टी के शीर्ष नेता इस पर फैसला करेंगे. भाजपा बड़ी पार्टी है. उनके कार्यकर्ताओं को कुछ भी कहने का मौलिक अधिकार है. लेकिन यह बताना चाहूंगा कि जुगसलाई विधानसभा सीट पर भाजपा का इतिहास रहा है कि यहां वह जीती ही नहीं है. आजसू दो बार जीती है. किसी कारणवंश जनता ने पिछली बार आजसू को तीसरे नंबर पहुंचाया है, लेकिन आज भी जुगसलाई विधानसभा की जनता के बीच पूर्व विधायक रामचंद्र सहिस लोकप्रिय हैं. वैसे भी अगर सीट की बात आएगी तो पूर्व विधायक को नियमत: सीट मिलनी चाहिए. इस बार हम परचम लहराएंगे. कन्हैया सिंह, जिला अध्यक्ष आजसू पार्टी (नीचे पढ़ें)
झामुमो के बोल
केवल आजसू और भाजपा में गठबंधन हो जाने को जनता नहीं देखेगी. जुगसलाई विधानसभा की जनता यह देखेगी कि पिछले दस साल जो विधायक रहे उन्होंने जनता के बीच कितना समय बिताया. झामुमो के मंगल कालिंदी का जो पांच सालों का कार्यकाल है. उनमें दो से ढाई साल कोविड के दिन थे. उस समय भी वह जनता के बीच सेवा में तत्पर रहे थे. सो जनता के बीच मंगल कालिंदी का कार्यकाल खरा साबित हुआ है. पूर्व मंत्री के मुकाबले मंगल कालिंदी जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हैं. सौ फीसदी इस बार भी मंगल कालिंदी ही सीट निकालेंगे. मानिक मल्लिक, झामुमो नेता