लाखों खर्च कर भी लोग प्यासे, महुआंडा़ड प्रखंड के पंचायत ग्राम परहाटोली में पेयजल एवं स्वच्छता का हाल
लातेहार.
जल शक्ति मंत्रालय के पेयजल और स्वच्छता विभाग की महत्त्वपूर्ण जल जीवन मिशन स्कीम का मुख्य लक्ष्य यह है, कि ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले परिवार जिन्हें पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है वे प्यासे न रहें. लेकिन महुआंडा़ड प्रखंड के पंचायत ग्राम परहाटोली में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा लाखो रूपए खर्च कर जल जीवन मिशन के तहत महीनों पूर्व ही पुरे गांव में 13 नये बोरिंग खोदकर सोलर सिस्टम अधारित जलमीनार लगाए जाने के बाद भी यहां के नागरिको को पानी की समस्या से निजात नही मिल पाई.
हाथी के दांत साबित हुई योजना
करीब 40 आदिवासी परिवार है, जो गांव से 500 मीटर दूर स्थित डोगीं झरिया में पेयजल के लिए निर्भर है. जल जीवन मिशन स्कीम में अनियमितता के कारण 11 जलमीनार खराब हाथी के दांत साबित हो रहा है, दो जलमीनार सही है. वह भी अब मानसून बादल के कारण सूर्य की रोशनी नहीं मिलने पर पर्याप्त पानी नहीं दे पा रहा है.
पानी व्यवस्था की वर्तमान स्थिति
परहाटोली ग्राम की आबादी छह हजार से अधिक घर है, ग्राम में मुख्य रूप से आदीवासी किसान समुदाय साथ हरिजन और मुस्लिम समाज के परिवार निवास करते है. इतनी घनी आबादी के बीच पूर्व की व्यवस्था तहत सात चापाकल है, लेकिन पांच खराब है. पुराने चापाकल में 14-15वीं वित्तीय योजना से लगे पानी टंकी सालभर से खराब पड़ा हुआ है.
एक सप्ताह में फिर हुआ खराब: पुष्पा
झरिया से पानी लेकर आ रही पुष्पा किसान कहती है, कि इतना गांव मे अधिक जलमीनार लगने के बाद भी पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ है. मेरे घर के सामने नया पानी टंकी खड़ा किया गया है. पाइप घरों तक देकर नल लगाया गया है. एक महीने पूर्व लगे पानी टंकी से मात्र एक सप्ताह पानी मिला, फिर खराब पड़ा है. क्षेत्र की जलसहिया कहती है कि लोगों को निर्देश प्राप्त हुआ था अपने क्षेत्र के खराब चापाकल अन्य पानी की व्यवस्थाओं पर रिपोर्ट जमा करने को मेरे द्वारा वह रिपोर्ट जमा कर जिला भेजा गया है.