- न्यायालय और चिकित्सा विभाग की संयुक्त पहल से बंदियों को मिली महत्वपूर्ण जानकारी
फतेह लाइव, रिपोर्टर
तेनुघाट स्थित उपकारा जेल में 15 जून को सर्वोच्च न्यायालय, झारखंड उच्च न्यायालय एवं प्रधान जिला जज बोकारो के निर्देशानुसार जेल अदालत सह कानूनी जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का नेतृत्व प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दिग्विजय नाथ शुक्ला और राज कुमार पांडेय ने संयुक्त रूप से किया. शिविर में बंदियों को उनके कानूनी अधिकारों और न्यायालय में मुफ्त अधिवक्ता की सुविधा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. दिग्विजय नाथ शुक्ला ने बताया कि जिन बंदियों के पास अपने खर्च पर अधिवक्ता रखने की क्षमता नहीं है, उनके लिए लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं जो उनके मामलों की पैरवी करते हैं. इस अवसर पर पैनल अधिवक्ता शैलेश कुमार सिन्हा ने भी बंदियों को कानूनी सलाह दी.
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साथ ही शिविर में स्वास्थ्य जांच का भी आयोजन किया गया, जिसमें कुल 13 बंदियों ने अपनी सामान्य, आंख और दांतों की जांच करवाई. प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी राज कुमार पांडेय ने बताया कि जेल में मासिक आधार पर मेडिकल कैंप एवं अदालत के साथ-साथ ऐसे जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे बंदियों को स्वास्थ्य और कानूनी दोनों ही जानकारियों का लाभ मिल रहा है. इस प्रकार के कार्यक्रमों से बंदियों का पुनर्वास और सुधार संभव होता है.
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जेलर नीरज कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन में न्यायिक पदाधिकारियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि बंदियों को सुनकर अच्छा लगा और उम्मीद है कि वे दी गई जानकारियों का पालन करते हुए बेहतर जीवन बिताएंगे. इस दौरान डॉ. पूजा कुमारी, निवास कुमार, विजय ठाकुर, मदन कुमार, संजय यादव और अनीता देवी समेत कई अन्य लोग भी मौजूद थे. अधिवक्ता सुभाष कटरियार ने स्वागत भाषण एवं मंच संचालन किया. यह आयोजन तेनुघाट जेल में बंदियों के अधिकारों और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ.