• अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के बैनर तले साहित्य और जागरूकता का संगम, 48 लेखकों की रचनाओं का संकलन
  • वैचारिकीमें विद्यार्थियों से लेकर वरिष्ठ साहित्यकारों तक की सहभागिता

फतेह लाइव, रिपोर्टर

जुगसलाई स्थित होटल मेरेडियन में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के पूर्वी सिंहभूम जिला अंतर्गत “वैचारिकी” पुस्तक का भव्य लोकार्पण समारोह आयोजित हुआ. इस अवसर पर मुख्य अतिथि राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग के प्रभारी अध्यक्ष बसंत कुमार गोस्वामी उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और भारत माता तथा स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पण से हुआ. प्रांत उपाध्यक्ष एंजिल उपाध्याय ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया और अंकेश ने संगठन मंत्र का पाठ किया. समारोह में मुख्य अतिथि का पारंपरिक रूप से पुष्पगुच्छ, प्रतीक चिन्ह और उत्तरीय देकर सम्मानित किया गया. स्वागत वक्तव्य पूर्वी सिंहभूम की पर्यावरण सह प्रमुख वंदना कुमारी ने दिया.

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साहित्यिक अभिव्यक्ति के माध्यम से सामाजिक जागरूकता का संकल्प

कोल्हान प्रमंडल संयोजक वी. प्रभु ने संगठन की गतिविधियों पर प्रकाश डाला. इसके बाद “वैचारिकी” पुस्तक का विधिवत लोकार्पण किया गया. डॉ. अनीता शर्मा, जो पुस्तक की सह-संपादक भी हैं, ने बताया कि यह पुस्तक सामाजिक जागरूकता के कई महत्वपूर्ण विषयों को लेकर चिंतन को प्रेरित करती है. पुस्तक में ग्राहकों के अधिकारों से लेकर पर्यावरण संरक्षण, तकनीकी दुष्प्रभाव, और अध्यात्मिक विषयों तक विविध विषयों पर लेख हैं. सभी लेखकों को प्रतीक चिन्ह और पुस्तक की प्रतियां देकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर जिला अध्यक्ष पप्पू ने कहा कि “वैचारिकी” पुस्तक समाज को विचारशील बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है.

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ग्राहकीय चेतना से लेकर पर्यावरण तक एक पुस्तक, अनेक सरोकार

मुख्य अतिथि बसंत कुमार गोस्वामी ने ई-जागृति, सीपी ग्राम पोर्टल और उपभोक्ताओं के कानूनी अधिकारों की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जब समाज जागरूक होता है, तब वह अपने अधिकारों और कर्तव्यों को बेहतर समझता है. न्यायिक प्रक्रिया में देरी का एक बड़ा कारण जन सामान्य की जानकारी का अभाव है. उन्होंने “वैचारिकी” को एक सार्थक और समयोचित पहल बताया. प्रांत अध्यक्ष डॉ. कल्याणी कबीर ने कहा कि साहित्य के माध्यम से ग्राहकीय बोध को जनसामान्य तक पहुँचाना संगठन का मुख्य उद्देश्य है. कार्यक्रम में सभी अतिथियों और प्रतिभागियों को धन्यवाद ज्ञापन आरती शर्मा ने किया.

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न्यायिक जानकारी और उपभोक्ता अधिकार साहित्यिक मंच से जागरूकता की अलख

कार्यक्रम का सुंदर संचालन कुमार अमलेंदु ने किया, जिन्होंने पर्यावरण आयाम प्रमुख की भूमिका निभाई. रीना परितोष ने कल्याण मंत्र का पाठ कर कार्यक्रम को आध्यात्मिक ऊर्जा दी. आयोजन में प्रांत कोषाध्यक्ष चंद्रनाथ बनर्जी, देवव्रत बनर्जी, और शिवाजी क्रांति जैसे वरिष्ठ सदस्यों का विशेष सहयोग रहा. शिवाजी क्रांति ने कहा कि समाज को सशक्त बनाने के लिए हर व्यक्ति का जागरूक होना आवश्यक है और इस दिशा में “वैचारिकी” पुस्तक का योगदान उल्लेखनीय रहेगा.

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प्रबंधन से लेकर मंच संचालन तक आयोजन की हर परत में दिखा समर्पण

वैचारिकी” पुस्तक की जानकारी देते हुए बताया गया कि इसमें कुल 128 पृष्ठ हैं. इसमें 33 गद्य और 17 पद्य रचनाएं शामिल हैं, जो 48 लेखकों द्वारा लिखी गई हैं. प्रमुख विषयों में ग्राहक अधिकार, जमाखोरी, ओटीटी के दुष्परिणाम, पर्यावरण, योग, ध्यान, ऑनलाइन खरीदारी, राम मंदिर, पेसा अधिनियम 1996 जैसे विषय शामिल हैं. पुस्तक के संपादक एंजिल उपाध्याय, डॉ. अनीता शर्मा और कुमार अमलेंदु हैं. इसमें राष्ट्रीय संगठन मंत्री दिनकर सबनीस और क्षेत्रीय संगठन मंत्री शिवाजी क्रांति का शुभकामना संदेश भी शामिल है. इस संग्रह में छात्राओं मुस्कान कुमारी, बबली कुमारी, इच्छा कुमारी, कुमकुम कुमारी और अंशु कुमारी की रचनाएं भी प्रकाशित हैं, जिससे छात्र समुदाय का साहित्यिक योगदान भी रेखांकित होता है.

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