- जीआरपी और आरपीएफ के बीच समन्वित रणनीतियों से बढ़ेगी रेलवे सुरक्षा
फतेह लाइव, रिपोर्टर
नई दिल्ली में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के तत्वावधान में छठा अखिल भारतीय सरकार रेलवे पुलिस (जीआरपी) प्रमुख सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. इस सम्मेलन की अध्यक्षता आरपीएफ महानिदेशक मनोज यादव ने की, जिसमें विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के जीआरपी के डीजीपी, एडीजीपी और वरिष्ठ अधिकारी, तथा रेल मंत्रालय के प्रतिनिधि उपस्थित रहे. सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे में बढ़ती आपराधिक चुनौतियों से निपटने और करोड़ों दैनिक यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयासों को मजबूत करना था. मुख्य चर्चा के विषयों में बुद्धिमत्ता साझा करने की व्यवस्था को मजबूत करना, संयुक्त अभियान रणनीतियाँ बनाना और बदलते आपराधिक तौर-तरीकों से निपटने हेतु एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाना शामिल था.
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इस दौरान यात्रियों को धोखाधड़ी और चोरी के सामान्य तरीकों से अवगत कराने के लिए जागरूकता अभियानों को तेज करने पर विशेष बल दिया गया. सम्मेलन में यह भी निर्णय लिया गया कि Rail Madad पोर्टल पर दर्ज की गई यात्री संपत्ति चोरी की शिकायतों को एफआईआर में बदलने की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा, जिससे अपराध की रोकथाम और अपराधियों की पहचान में सुधार होगा. साथ ही, अंतरराज्यीय संगठित आपराधिक नेटवर्क को तोड़ने के लिए सर्विलांस बढ़ाने, समन्वित कार्रवाई और तकनीकी उपाय जैसे फेसियल रिकग्निशन सिस्टम को अपनाने पर भी विस्तार से चर्चा हुई. अलग-अलग राज्यों की जीआरपी इकाइयों के बीच एकीकृत प्रतिक्रिया प्रणाली विकसित करने पर भी जोर दिया गया ताकि क्षेत्राधिकार की खामियों का अपराधी लाभ न उठा सकें.
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सम्मेलन में महिला यात्रियों के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर गंभीर चिंता जताई गई. इसके तहत निशुल्क गश्त, रेलवे स्टेशनों व कोचों में सीसीटीवी कैमरों की स्थापना, और ‘मेरी सहेली’ टीमों की तैनाती जैसे कड़े निवारक उपायों को अपनाने पर सहमति बनी. इसके अतिरिक्त, रेलवे परिसर में नशा तस्करी और अवैध गतिविधियों की रोकथाम के लिए खुफिया जानकारी जुटाने और सघन जांच की रणनीतियां भी तैयार की गईं. इंटेलिजेंस ब्यूरो की एक रिपोर्ट ने रेलवे के संवेदनशील प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमलों की आशंका और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता को उजागर किया. इस मौके पर बच्चों की सुरक्षा पर भी ध्यान दिया गया, जिसमें रेलवे परिसर में असुरक्षित और तस्करी के शिकार बच्चों की पहचान व पुनर्वास के कार्यक्रमों को और प्रभावी बनाने पर विचार हुआ.
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सम्मेलन के समापन पर महानिदेशक मनोज यादव ने कहा कि भारतीय रेलवे का अपराध नियंत्रण किसी एक एजेंसी का कार्य नहीं, बल्कि एक सामूहिक मिशन है. उन्होंने जीआरपी और आरपीएफ की एकजुटता और सहयोग की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे हर यात्री, हर बच्चे और पूरे रेलवे नेटवर्क को अपराध मुक्त और सुरक्षित बनाएंगे. इस सम्मेलन ने भारतीय रेलवे को अपराध के प्रति शून्य सहनशीलता वाला क्षेत्र बनाने के लिए दोनों बलों की प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट किया.