फतेह लाइव, रिपोर्टर.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लोकसभा में स्पष्ट बहुमत नहीं पाने के कारण इस बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किंगमेकर की भूमिका निभाएंगे. जनता दल यूनाइटेड (जदयू) प्रमुख नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में आने से पहले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के गठन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. भाजपा के साथ नीतीश कुमार का रिश्ता 1990 के दशक के मध्य में उस समय से चला आ रहा है, जब नीतीश ने बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के खिलाफ विद्रोह के बिगुल फूंकते हुए अनुभवी समाजवादी नेता दिवंगत जॉर्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी बनाई थी.

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नीतीश ने 2013 में भाजपा से 17 साल पुराना संबंध तोड़ दिया था

वर्ष 1998 से 2004 तक देश पर शासन करने वाली भाजपा के साथ गठबंधन के दौरान नीतीश ने दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में कृषि, रेलवे और भूतल परिवहन जैसे प्रमुख विभाग संभाले थे. शरद यादव के गुट लोक शक्ति और समता पार्टी का बाद में विलय कर जदयू बनाने वाले नीतीश ने भाजपा के साथ गठबंधन में 2005 में बिहार विधानसभा चुनाव जीता और पहली बार मुख्यमंत्री बने. अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि के प्रति सजग रहने वाले नीतीश को भाजपा के भीतर नरेन्द्र मोदी की बढ़ती पकड़ ने आशंकित कर दिया और उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर 2013 में भाजपा के साथ अपनी 17 साल पुरानी साझेदारी को समाप्त करते हुए संबंध तोड़ लिए.

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नीतीश इस बार नाराज करना हो सकता है जोखिम भरा

वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की पराजय की नैतिक जिम्मेवारी लेते हुए कुमार ने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया था और अपने पुराने विश्वासपात्र जीतन राम मांझी को यह कुर्सी सौंप दी. बाद के दौर में राजनीतिक अवसरवादिता के कारण जदयू सुप्रीमो को दो मौकों पर प्रसाद के राजद के साथ अल्पकालिक गठबंधन करना पड़ा लेकिन दोनों बार उनकी अचानक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापसी हुई. राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, बिहार के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर बने रहने वाले नीतीश कुमार बार-बार पाला बदलने के कारण ही सत्ता में बने रहने में कामयाब रहे लेकिन इससे उनकी लोकप्रियता में कमी आई है. पिछली बार स्पष्ट बहुमत के साथ केंद्र में सत्ता में आयी भाजपा के पिछली सरकार में सम्मानजनक प्रतिनिधित्व नहीं दिए जाने से नाखुश रहे नीतीश कुमार को इसबार नाराज करना शायद जोखिम भरा कदम होगा.

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नीतीश और तेजस्वी एक ही फ्लाइट से जाएंगे दिल्ली

लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम जारी हो गये हैं. बिहार में एनडीए को 30 सीटों पर जीत मिली है. वहीं जदयू को 12 सीटों पर सफलता मिली है. इसी बीच बिहार के सीएम नीतीश कुमार एनडीए की बैठक में शामिल होने दिल्ली जा रहे हैं. वहीं तेजस्वी यादव भी आज इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली जा रहे हैं. खास बात यह है कि दोनों पटना से एक ही फ्लाइट पर सवार होकर दिल्ली जाने वाले हैं.

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चुनाव परिणाम के बाद पहली दोनों दिखेंगे साथ में

जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव सुबह 10:40 बजे विस्तारा की फ्लाइट UK-718 से दिल्ली में NDA और INDIA गठबंधन की बैठक में शामिल होने जाएंगे. बुधवार को एनडीए और इंडिया गठबंधन की बैठक दिल्ली में है. चुनाव परिणाम के बाद पहली बार नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव एक साथ दिखेंगे. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के एक साथ एक ही विमान से दिल्ली जाने के बाद देश की राजनीति में कई कयास लगाने शुरू हो गए हैं. कल जिस तरह से परिणाम आए हैं और बहुमत के आंकड़े काफी कम हैं उसके बाद नीतीश कुमार पर विपक्षी डोरे डाल रहे है और उप प्रधानमंत्री बनाने तक की बात उठने लगी है.

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