तो क्या आरपीएफ की लोहा चोरों से है सांठ-गांठ?, रेल मंत्रालय को भी मामला हुआ ट्वीट
फतेह लाइव, रिपोर्टर.
कोल्हान के तीनों जिलों में पिछले कई सालों से स्क्रैप सिंडिकेट के बड़े-बड़े सरगनाओं की हाई लेवल मुखबिरी से धड़पकड़ में गहरा राज छिपा हुआ है. रेल परिसंपत्ति की चोरी यहां कोई नयी बात नहीं है, बल्कि दर्जनों अधिकारियों और लाईजनरों की मिलीभगत से यह धंधा बदस्तूर जारी है. इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि लाइजनिंग सिस्टम से मन्नू व मुन्ना जैसे दलाल और धंधेबाज झारखंड में आरपीएफ के अधिकारियों को लखपति बनाने में व्यस्त हैं.
सिस्टम की खुली पोल
फिर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि कहीं न कहीं लाइजनिंग सिस्टम में किसी न किसी तरह की लीकेज या मुखबिरी के कारण ही मामला उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया गया है. बहरहाल मामला जो भी हो लेकिन जमशेदपुर के जेम्को में हुई छापेमारी से आरपीएफ के सिस्टम की पोल खुल ही गई है.
मन्नू भागा तो खैर नहीं!
परसों आरपीएफ के वरीय अधिकारियों को प्राप्त गुप्त सूचना द्वारा रेलवे के चर्चित लाईजनर और स्क्रैप व्यवसायी मन्नू सिंह और अशोक यादव सहित 3 लोगों को पकड़ लिया गया था. टाटा पोस्ट प्रभारी को अधिकारियों कि सख्त हिदायत थी कि मन्नू बचना नहीं चाहिए? खैर इस कार्रवाई में काफी दिनों बाद टाटा आरपीएफ सीआईबी भी अपने कार्यालय से बाहर निकली. वजह चाहे कोई भी रही हो?
छापामारी ख़त्म होते ही टाल पहुंच गया यादव ?
सूत्र बताते हैं कि छापेमारी में शामिल टीम द्वारा ही अशोक यादव को वहां से भागने का मौका दिया गया. इतना ही नहीं स्क्रैप टाल के बाहर माल सहित खड़े टाटा इंट्रा वाहन को भी अशोक यादव ने छापेमारी के तीन घंटों बाद हटवाया. इस कारोबारी की दिलेरी की भी दात देनी पड़ेगी कि छापामारी के बाद वह फिर टाल पहुंच गया. फिर कुछ माल लदे इंट्रा वाहन को भी लाल बाबा में ठिकाने लगाया गया. बताया जाता है कि उक्त वाहन मन्नू का ही था.
मन्नू की सूचना पर आदित्यपुर से पकड़ाया स्क्रैप कारोबारी
सूत्रों के अनुसार यादव को आरपीएफ से इस छापामारी से अधूरी सूचना मिली थी लेकिन फिर भी वह घटनास्थल से भागने में सफल हो गया. इतना ही नहीं आज आरपीएफ ने दोबारा छापामारी करते हुए सरायकेला खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना क्षेत्र से फारूख नामक स्क्रैप माफिया को सुबह-सुबह पकड़ लिया गया.
मीडिया को रखा गया दूर
एक ओर जहां छोटे-छोटे मामलों पर भी पत्रकारों को संबोधित करने वाले पुलिस अधिकारियों ने इस छापामारी को मीडिया से बचाकर रखा और आरोपियों का चालान करते-करते भी गोपनीयता बरती गई. वहीं दूसरी ओर आज भी कोल्हान के दर्जनों स्क्रैप टालों में रेलवे का माल चोरी छिपे खरीद बिक्री होता रहा. आखिर क्या कारण होगा जो आरोपियों के प्रति इतनी सहानुभूति दिखाई गई. सूत्रों की मानें तो टीम के रडार पर मुन्ना जायसवाल, धवल लच्छ, दीपक गुप्ता, अखिलेश पोद्दार सहित एक दर्जन स्क्रैप माफिया हैं. आरपीएफ थाना प्रभारी राकेश मोहन ने “फतेह लाइव” को बताया कि अभी स्क्रैप माफियाओं पर और नकेल लगाई जाएगी. किसी को भी बक्शा नहीं जायेगा. उधर, रेलवे स्क्रैप के खेल का यह मामला रेल मंत्रालय और रेलवे बोर्ड को भी ट्वीट कर दिया गया है. शीघ्र ही कोई बड़ा एक्शन हो सकता है.
मन्नू का दांव मन्नू पर ही पड़ गया भारी
बताया जाता है कि टाटानगर पोस्ट में रहते रहते कल का मन्नू (डीआई का ड्राइवर) लाइजनिंग करने लगा. छोटे बड़े अवैध धंधों को लाइजनिंग करने लगा. इससे वह उनके बीच बैठने लगा और कम समय में बड़ा आदमी बनने की चाह में वह भी धंधे में उतर गया. सूत्र बताते हैं कि आरपीएफ की धौंस दिखाकर वह उन्ही कारोबारियों को चमकाने लगा, जिससे सिखकर उसने धंधे में कदम रखा. यहां तक कि कुछ का धंधा भी बंद करा दिया गया. उसी के प्रतिशोध में मन्नू आज जेल पहुंच गया. सूत्र बताते हैं कि मन्नू के टाल में विभाग के एक अधिकारी का भी पैसा लगा है. ऐसे कई बातें हैं जिनकी परत अब खुलने लगी है. पुलिस लोगो वाले बोलेरो और बुलेट से उसका नाता क्या है इसकी भी चर्चा बाजार में तेजी से हो रही है.