एक माह की अवधि मिलने से जांच को प्रभावित करने का हुआ है प्रयास, बहुत हद तक कार्य को करने का किया अधूरा प्रयास 

अगर जांच निष्पक्ष हुई तो एई, जेई और ठेकेदार को जाना पड़ेगा जेल, पूरे मामले में डीएमसी भी अछूते नहीं

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

जमशेदपुर के मानगो नगर निगम क्षेत्र में 15वें वित्त आयोग से निकाली गई विभिन्न चार योजनाओं का करीब 1.33 करोड़ से ज्यादा काम पूर्ण किये बगैर ही ठेकेदार को राशि का भुगतान कर दिया गया था. इनमें दो योजना ऐसी भी है, जिसमें काम शुरु भी नहीं हुआ था. नगर निगम में हुए खेल ने झारखंड सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार के भी राजस्व को चूना लगाने का काम किया गया. इसका खुलासा फतेह लाइव ने स्थानीय लोगों की शिकायत पर गत 22 अक्टूबर के प्रकाशन में किया था. घोटाले की इस खबर पर डीसी अनन्य मित्तल ने गंभीरता दिखाते हुए जांच टीम गठित की थी.

आरोपित जेई अभय सिंह

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आज सोमवार 2 दिसंबर को जांच टीम का गठन किये हुए पूरे 36 दिन बीत गए. जांच टीम ने नगर निगम से उक्त योजना से सम्बंधित अभिलेख की मांग की थी. उक्त अभिलेख लेने के बाद जांच टीम ने चुप्पी साध ली. एक माह में एक बार भी योजनास्थल का जायजा नहीं लिया. नतीजा यह रहा कि इस एक माह की अवधि में मामले के आरोपितों को खुद को बचाने का पूरा मौका मिल गया. बालीगुमा में पुराना कृषि भवन के पास मानगो नगर निगम के डीएमसी और इंजीनियर के द्वारा मैन पावर को लगाकर काम कराने की योजना थी, जिसकी शिकायत सरयू राय को हुई. डीसी को भी की गई. तब काम को रोक दिया गया था. लेकिन उसके बाद भी जांच टीम ने गंभीरता नहीं दिखाई, जिसका नतीजा रहा कि मानगो गुरुद्वारा रोड लाली गली से अनुग्रह नारायण स्कूल तक पेवर ब्लॉक बिछाने का काम भी कुछ हद तक कर लिया गया. फतेह लाइव ने इस खेल को भी प्रकाशित कर दिया, जिसके बाद काम रोक दिया गया. (जिसका काम शुरु होने का तारीख और कुछ हद तक समाप्त होने की तारीख भी जीपीएस कैमरे में कैद है)

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इस पूरे मामले में नगर निगम के डीएमसी और इंजीनियर खुद ठेकेदार की भूमिका निभा रहे हैं. अब इस पूरे मामले में यह उंगली उठना लाजमी है कि क्या जांच कमेटी से आरोपितों की सेटिंग हो गई है क्या? इस मामले में डीसी अनन्या मित्तल से बात की गई थी. उन्होंने कहा था कि वे चुनाव कार्य में लगे थे. जांच अधिकारी भी शायद उसी में व्यस्त रहे होंगे. अब वे खुद मामले को देखेंगे.

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उसके बाद भी करीब सप्ताह बीत गया. रविवार को फतेह लाइव ने जांच टीम के अधिकारी एडीसी भागीरथ प्रसाद से रविवार को बात की. उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि चुनाव ड्यूटी में व्यस्त थे. उन्होंने कहा कि अपनी टीम के जिला अभियंता को इसमें लगाया गया है. अब वह खुद योजनास्थल का दौरा कर लेंगे और दो दिनों में जांच रिपोर्ट डीसी को सौंप देंगे. उन्होंने मानगो नगर निगम में हुए इस अनोखे घोटाले पर आश्चर्य भी व्यक्त किया. फतेह लाइव  ने भी उन्हें जांच में पूरा-पूरा सहयोग करने का आश्वासन देते हुए खबर छपने के पूर्व जीपीसी से ली गई तस्वीरें और वीडियो उपलब्ध कराने की बात कही. एडीसी ने कहा कि अगर ऐसा है तो वह कड़ी जांच रिपोर्ट तैयार करेंगे, तांकि दोबारा इस तरह की गलती करने के लिए भी कोई एक बार सोचे.

बालीगुमा पुराना कृषि भवन के पास खबर छपने के बाद काम करने का किया गया था प्रयास

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बहरहाल, घोटाला प्रकाश में आने और एक माह तक भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर स्थानीय निवासी रंजीत शर्मा ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि झारखंड में जो हालात बने है उससे वह दुखी हैं. वे इस मामले में जनहित याचिका दायर कर रहे हैं. इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. वह हाईकोर्ट के अधिवक्ता से भी संपर्क में है. कोर्ट का आदेश आते ही वह खुद हाजिर होंगे.

मानगो गुरुद्वारा रोड लाली गली में भी शुरू किया गया था काम

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यह है मामला

जानकारी के अनुसार 14 माह पूर्व उप नगर आयुक्त सुरेश यादव के द्वारा ई-ई-निविदा निमंत्रण सूचना UDHD/MMC/03/2023-24 तारीख 29 अप्रैल 2023 को विभिन्न योजना का चार टेंडर निकाला गया. ये चारों टेंडर आशुतोष कुमार पांडे नामक ठेकेदार ने 28.99 प्रतिशत बिलो में प्राप्त किया. इस कार्य को बीओक्यू (बिल ऑफ क्वांटीटिस) के द्वारा छह माह में कार्य को संपन्न करना था. कार्य समय पर नहीं करने पर 10 प्रतिशत काटकर पेमेंट किया जाना होता है. यहां तो कार्य हुआ भी नहीं और 1.3396700. करोड़ रुपये का छह माह पूर्व ही विभाग से राशि की निकासी हो गई, जो जांच का विषय है. अगर निष्पक्ष जांच हुई तो यह राशि और भी बढ़ सकती है.

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ये है योजना स्थल और वहां की वस्तुस्थिति (खबर छपने के पहले की)

बालीगुमा कृषि विभाग ऑफिस से लेकर पावर ग्रिड सब स्टेशन तक पेवर्स ब्लॉक पथ निर्माण कार्य. (फतेह लाइव की पड़ताल में यह बात सामने आई कि यहां काम हुआ ही नहीं.) (इसकी लागत-28 लाख की थी.)

न्यू वाटिका ग्रीन सिटी से लेकर गंगा कॉम्प्लेक्स तक पेवर्स ब्लॉक पथ निर्माण कार्य (यहां भी काम हुआ ही नहीं.) (लागत-28 लाख)
लक्ष्मण नगर में मनोज स्टोर से लेकर स्वर्णरेखा नदी तक पेवर्स ब्लॉक पथ निर्माण कार्य. (लोगों ने बताया कि एक सप्ताह पहले यह कार्य तीस प्रतिशत हुआ, लेकिन विभाग के द्वारा पेमेंट पूरा हो गया) एवं मानगो गुरुद्वारा रोड से क्रॉस रोड पुराना अनुग्रह नारायण स्कूल से लेकर लाली सिंह रोड तक. (अभी कार्य शुरु हुआ है) . (लागत-39 लाख 7 हजार 280 रुपये.)

आजादनगर में रोड नंबर नौ में पेवर्स ब्लॉक पथ का निर्माण कार्य. (यहां 50 प्रतिशत कार्य हुआ, लेकिन राशि पूरी निकासी हो गई). (लागत-38 लाख 7 हजार 280 रुपये)

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क्या कहता है नगर एवं आवास विभाग का नियम

योजना मिलने के बाद संवेदक को एग्रीमेंट की तय तिथि के छाह माह के अंदर योजना पूर्ण करने के बाद ही राशि का भुगतान दिया जाना होता है. अगर कार्य में विलंब होता है तो उस कुल राशि का 10 फीसदी पेनाल्टी चार्ज कटता है. बिना कार्य शुरु किये राशि का भुगतान किया जाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. यह सरकारी खजाना दुरुपयोग का मामला बनता है. इसमें दोषी पर भारतीय संविधान दंड के तहत 420, 409 और 161 (ए) समेत विभिन्न धाराओं पर केस दर्ज किया जा सकता है. वहीं, उक्त राशि को ठेकेदार से सर्टिफिकेट केस कर वापस सरकारी खजाने में लेने की प्रक्रिया की जाती है.

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