फतेह लाइव, रिपोर्टर
सरायकेला खरसावां जिले के चांडिल डैम में हुए ट्रेनी विमान हादसे के बाद एक राहत की खबर आई है. डायरेक्ट जेनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने अलकेमिस्ट एविएशन के पायलट ट्रेनिंग के लाइसेंस को फिर से बहाल कर दिया है. डीजीसीए ने 24 दिसंबर को जारी आदेश के बाद उनके लाइसेंस के सस्पेंशन को वापस ले लिया, जिससे अलकेमिस्ट एविएशन को अब पायलट ट्रेनिंग को फिर से शुरू करने की अनुमति मिल गई है.
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क्या था मामला और क्यों हुआ था लाइसेंस निलंबित?
20 अगस्त 2024 को सोनारी हवाई अड्डे से उड़ान भरने के बाद अलकेमिस्ट एविएशन का दो सीटर विमान चांडिल डैम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस हादसे ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया था, क्योंकि इसमें आदित्यपुर निवासी प्रशिक्षु पायलट सुब्रोदीप दत्त और पटना निवासी पायलट कैप्टन जीत शत्रु आनंद की मौत हो गई थी. दुर्घटनाग्रस्त विमान सीसना 152 था और इस दुर्घटना के बाद विमान का मलबा चांडिल डैम से बरामद किया गया था. इस हादसे के बाद, डीजीसीए ने अलकेमिस्ट एविएशन के पायलट ट्रेनिंग लाइसेंस को 29 अगस्त 2024 को निलंबित कर दिया था. इसके बाद डीजीसीए ने एविएशन के सुरक्षा ऑडिट का आदेश दिया था. ऑडिट के दौरान कई गंभीर खामियां सामने आईं, जिसके बाद डीजीसीए ने यह निर्णय लिया था. इस कदम से अलकेमिस्ट एविएशन की ट्रेनिंग पर बड़ा असर पड़ा था, लेकिन अब डीजीसीए ने लाइसेंस को फिर से बहाल कर दिया है.
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मृणाल कांति पाल का बयान
अलकेमिस्ट एविएशन के संचालक मृणाल कांति पाल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “हमें इस हादसे के बाद गहरा दुख है. डीजीसीए ने हमारे लाइसेंस को फिर से बहाल कर दिया है और अब हम कुछ दिनों में ट्रेनिंग शुरू करेंगे. हम सभी नियमों और सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए ट्रेनिंग शुरू करेंगे, ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों.
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डीजीसीए की कार्रवाई और सुरक्षा मानक
डीजीसीए की इस कार्रवाई ने एक बार फिर एविएशन सुरक्षा मानकों की अहमियत को उजागर किया है. इस हादसे के बाद से डीजीसीए ने अपनी सुरक्षा नीतियों पर पुनर्विचार किया और यह सुनिश्चित किया कि भविष्य में इस तरह की घटनाए न हों. DGCA ने साफ कहा कि सुरक्षा सबसे पहले है और किसी भी प्रशिक्षण संस्था को सुरक्षा मानकों की अनदेखी नहीं करने दी जाएगी.
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भविष्य के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे?
अलकेमिस्ट एविएशन अब अपनी ट्रेनिंग प्रक्रिया को और भी सुरक्षित बनाने के लिए अतिरिक्त कदम उठाएगा. मृणाल कांति पाल ने यह भी कहा कि डीजीसीए द्वारा निर्धारित सभी सुरक्षा मानकों और प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा, ताकि भविष्य में इस तरह की किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके. अलकेमिस्ट एविएशन के इस फैसले से प्रशिक्षु पायलट्स और उनके परिवारों में भी राहत की लहर है. अब जब पायलट ट्रेनिंग फिर से शुरू होगी, तो वे सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण ट्रेनिंग के लिए संस्थान पर विश्वास कर सकेंगे.