सत्ता और ताकत के हनक में पटना प्रबंधन कमेटी बना रही मजाक

फ़तेह लाइव,डेस्क  

कौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने सिख पंथ के सिरमौर धार्मिक संस्था श्री अकाल तक साहब से आग्रह किया है कि पंथिक मर्यादा को बिहार पटना में चोट पहुंचाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की जरूरत है। कुर्सी, सत्ता, पावर में बने रहने के लिए तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के पदधारी तथा सदस्य एवं हेड ग्रंथी और अन्य ग्रंथी जो खेल खेल रहे हैं उससे उनका और पंथ-कौम का भला होने वाला नहीं है? पिछले तीन सालों से मैनेजमेंट कमेटी के अंदर का विवाद गुटबाजी चरम पर है और यहां के हेड ग्रंथी और ग्रंथी के माध्यम से अपना स्वार्थ सिद्ध कर रहे हैं। स्वार्थ सिद्ध करने के लिए पटना हाई कोर्ट की शरण ले रखी है जिससे चुनाव प्रक्रिया को बाधित किया जा सके और उनकी कुर्सी लगातार सुरक्षित बनी रहे।

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अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के हेड ग्रंथी एडिशनल ग्रंथी सहित पांच सिंह साहिबानों द्वारा दिए गए आदेश को पंथ हित में वापस लेने का आग्रह किया है। कुलविंदर सिंह के अनुसार कोई भी सच्चा सिख श्री अकाल तख्त साहब के जत्थेदार के खिलाफ बोले गए एक शब्द को भी बर्दाश्त नहीं कर सकता है। इसकी शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं है और इसके लिए वह जान न्योछावर करने को हमेशा तैयार रहेगा। दुनिया में किसी की ताकत नहीं है कि वह श्री अकाल तख्त साहब के कार्यकारी जत्थेदार एवं श्री केशगढ़ साहिब के जत्थेदार कुलदीप सिंह को तनखइया करार दे सके। कुलविंदर सिंह के अनुसार जांच समिति ने तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के निलंबित जत्थेदार रणजीत सिंह गौहर को निर्दोष पाया और उस रिपोर्ट के आधार पर उन्हें बहाल करने का श्री अकाल तख्त साहब से पांच सिंह साहिबानों ने आदेश दिया।

कुलविंदर सिंह के अनुसार क्योंकि पटना प्रबंधन कमेटी को अमृतसर तलब किया गया है तो पदधारियों ने अपनी खाल बचाने के लिए पटना साहिब के पांच सिंह साहिबानों को आगे कर पंथ में नया विवाद पैदा किया है। पूर्व में जिस तरह से तत्कालीन कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कठोर कार्रवाई की थी आज उसी की फिर जरूरत है।

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