नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर एवं सिख शहीदों के इतिहास से पंथ प्रसिद्ध विद्वान संगत को कराएंगे रु-ब-रु

फतेह लाइव, रिपोर्टर.

सिखों के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी, सिख शहीद भाई मती दास, भाई सती दास एवं भाई दयाला जी का 350वां शहीदी दिहाड़ा मना रही है. इसी कड़ी में पिछले दिनों दो दो बार धार्मिक नगर कीर्तन जमशेदपुर से गुजर थे. अब अपने गुरु और सिख शहीदों की याद में जमशेदपुर के विभिन्न गुरुद्वारों में गुरमत समागम आयोजित किये गए हैं. यह समागम तख्त पटना साहेब और सीजीपीसी के सहयोग से किये जायेंगे.

गोलपहाड़ी गुरुद्वारा

इसी क्रम में सोमवार को नामदाबस्ती गुरुद्वारा विशेष समागम में संगत ने गुरु के उपदेशों से निहाल हुई. नामदाबस्ती गुरुद्वारा के प्रधान सह जत्थेदार दलजीत सिंह अपनी टीम और समूह संगत के सहयोग से आयोजन को सफल बनाया. शाम को बर्मामाइंस में भी विशेष आयोजन किये गए.

दूसरे दिन मंगलवार 18 तारीख को गोलपहाड़ी गुरुद्वारा साहेब में प्रधान लखविंदर सिंह, नौजवान सभा के प्रधान तरण संधू, स्त्री सत्संग सभा की प्रधान परमजीत कौर के नेतृत्व में भी विशेष समागम होंगे. इसकी तैयारी की जा रही है. संगत के लिए लंगर तैयार करने की सेवा जारी है. प्रधान लखविंदर सिंह ने खासमहल, परसुडीह, गोलपहाड़ी की संगत को समागम में शामिल होकर गुरु घर की खुशियां प्राप्त करने की अपील की. साथ ही विभिन्न गुरुद्वारा के प्रतिनिधियों को भी शामिल होने का अनुरोध किया गया है.

एक नजर में जानें कब किस गुरुद्वारा में होंगे समागम

मंगलवार शाम का दीवान रिफ्यूजी कॉलोनी में प्रधान गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में मनाया जायेगा. इसके साथ ही 19 को चक्रधरपुर, शाम को चाईबासा, 20 को सुबह कदमा, शाम को टिनप्लेट, 21 को सुबह बागबेड़ा, शाम को टेल्को, 22 को सुबह सोनारी, शाम को संत कुटिया एवं गौरीशंकर रोड, 23 को सुबह प्रधान जगजीत सिंह गांधी के नेतृत्व में किताडीह एवं शाम को बिरसानगर, 24 को सुबह बिष्टुपुर में प्रधान प्रकाश सिंह एंड टीम के सहयोग से एवं शाम को सुंदरनगर में प्रधान मलकीत सिंह के सहयोग से समागम होंगे. सभी जगह सुबह का दीवान 11 से ढाई बजे तक एवं शाम को 7 बजे से साढ़े नौ बजे तक सजेगा.

विशेष समागम में संगत को निहाल करने पटना साहेब से हजूरी रागी जत्था भाई कविन्दर सिंह, अकाल अकादमी जत्था बढ़ साहेब, बीबी नवजोत कौर जलंधर वाले, भाई हरविंदर सिंह प्रचारक एसजीपीसी अमृतसर से पहुंच चुके हैं. हर दीवान में संगत के बीच गुरु का अटूट लंगर भी वितरित किया जायेगा.

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