फतेह लाइव, रिपोर्टर.

         

जमशेदपुर, समाजवादी चिंतक एवं वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मुकदमा चलाने की मांग बिहार के राज्यपाल एवं राष्ट्रपति से की है।
इस सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार नैतिकता के आधार पर नीतीश कुमार को संवैधानिक महत्वपूर्ण पद पर रहने का अधिकार नहीं है। मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति, जब राष्ट्रगान के समय सावधान मुद्रा में नहीं खड़ा रहेगा और हंसी ठिठौली करेगा, प्रदेश और राष्ट्र की जनता में क्या संदेश जाएगा।
सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार साल 2005 से नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का कार्यकाल छोड़ दे तो वह राजनीतिक गठजोड़ बदलकर हमेशा मुख्यमंत्री बने रहते हैं इसलिए वह दंभी हो गए हैं, वे अब खुद को संविधान, लोकतांत्रिक लोक लज्जा व परंपरा से खुद को ऊपर समझने लगे हैं या वह थक चुके हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। कई बार वे महिलाओं के लिए अपमानजनक टिप्पणी कर चुके हैं।
राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खुद को राष्ट्रवादी कहते हैं परंतु उनका यह राष्ट्रवाद भी झूठा साबित हुआ है। क्या उनके संज्ञान में यह नहीं है कि मुख्यमंत्री ने राष्ट्रगान का अपमान किया? क्या उन्होंने रिपोर्ट तलब की और संवैधानिक पद की जिम्मेदारी को निभाया है?
भारतीय जनता पार्टी का भी छद्म राष्ट्र प्रेम दिख गया है। भाजपा एवं इसके मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता एवं कार्यकर्ता सत्ता के लालच में धृतराष्ट्र बन चुके हैं।
अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार भाजपा और आरएसएस की चुप्पी इतिहास के पन्ने खोल रही है कि राष्ट्रध्वज तिरंगा एवं राष्ट्रगान को लेकर उनके कैसे विचार थे?

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