वेज रिवीजन पर भारी दबाव में ऑफिस बेयरर, तो कमेटी मैंबर भी बेचैन

एनएस कमेटी मेंबरों के व्यक्तिगत लाभ लेने से लेकर खानपान पर कानाफूसी

ट्रेड यूनियन में अहम समझौते पर कमेटी मेंबरों की समझ की भी परख

अगले चुनाव में ऑफिस बेयरर की संख्या में इजाफा के लिए चेहरे की तलाश

चरणजीत सिंह.

वेज रिवीजन के मसले पर टाटा स्टील की मान्यता प्राप्त टाटा वर्कर्स यूनियन में एनएस ग्रेड के ऑफिस बेयरर संजीव तिवारी और श्याम बाबू बेहद दबाव में हैं. यूनियन में 80 से अधिक कमेटी मैंबर ऐसे हैं जो न्यू सीरीज से हैं। वो भी बेचैन हैं। टाटा वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेंबरों का वाट्सअप समूह है, जिसमें कमेटी मैंबर प्रासंगिक मसलों पर अपनी राय सार्वजनिक करते रहते हैं. एनएस श्रेणी के ऑफिस बेयरर्स से लेकर कमेटी मैंबर तक वेज रिवीजन की वार्ता तुरंत शुरू करने, उनके डीए का प्रति प्वाइंट वैल्यू बढ़ाने, एलाउंस के एरियर का नुकसान होने जैसी बात लगातार उठा रहे हैं. इसकी वजह भी है. एनएस ग्रेड के कर्मचारी अपने अपने विभागों में न सिर्फ कमेटी मेंबरों से लगातार सवाल जवाब कर रहे हैं, अपितु उनके कामकाज और व्यवहार पर भी खूब चर्चा कर रहे है.

ट्रेड यूनियन की समझ और मजदूर हित में होने वाले समझौतों पर उनके ज्ञान की भी परख शुरू हो गई है. यहां तक कि एन एस कमेटी मेंबरों के व्यक्तिगत लाभ लेने, खान पान और रौब झड़ने जैसी बातों पर भी कानाफूसी शुरू हो चुकी है. स्वभाविक तौर पर इसकी भनक लगते ही एनएस ग्रेड के कमेटी मेंबरों के कान खड़े हो चुके हैं. बुधवार को चमरिया गेस्टहाउस में ऑफिस बेयरर्स की बैठक हुई तो संजीव तिवारी ने वेज रिवीजन का मसला उठाया है.

टाटा स्टील में न्यू सीरीज यानी एनएस ग्रेड के कर्मचारियों की संख्या अब बहुमत की तरफ है. टाटा स्टील की मान्यता प्राप्त यूनियन में एनएस ग्रेड के कमेटी मेंबरों की संख्या में भी तुलनात्मक तौर पर इजाफा होता जा रहा है. पिछले यूनियन चुनाव में कुल 214 में एनएस ग्रेड से 85 कमेटी मैंबर चुने गए हैं. यद्यपि, एनएस से ऑफिस बेयरर सिर्फ दो ही निर्वाचित हुए है. यूनियन उपाध्यक्ष संजीव तिवारी और सहायक सचिव श्याम बाबू. एनएस कर्मचारी अपने प्रतिनिधियों से बहुत खुश नहीं दिखते. सो, कर्मचारियों के कुछ समूहों ने सोशल मीडिया पर एनएस ग्रेड के प्रतिनिधियों के मूल्यांकन पर संवाद शुरू किया हुआ है.

इसका मकसद यह बताया जा रहा है कि अगली बार ऐसे लोगों को मौका दिया जाये जो वास्तव में स्वहित के बजाय कर्मचारी हित पर गौर करें. वेज रिवीजन में विलंब होने के कारण एनएस ग्रेड के कर्मचारियों में बेचैनी बढ़ रही है. ऑफिस बेयरर हो या कुछ कमेटी मैंबर, वे यूनियन नेतृत्व के आगे बोलने लगे हैं. बगैर हो हल्ला किए टाटा स्टील के एलडी वन, टू और थ्री, एचएसएम, कोक प्लांट, सिन्टर प्लांट, ट्यूब डिवीजन, एचएसएम, मर्चेंट मिल, एटूएफ ब्लास्ट फ़र्नेस, सीआरएम बारा, प्रोक्योरमेंट, सिक्योरिटी, सीआरएम जैसे कई विभागों में एनएस ग्रेड के कमेटी मेंबरों से जवाब तलब हो रहा है. उनकी सक्रियता और गतिविधियों का भी कर्मचारी मूल्यांकन कर रहे हैं.

क्वार्टर या क्लब हाउस के लिए नतमस्तक होने वाले निशाने पर

एनएस कर्मचारियों के बीच संदेश गया है कि बिष्टुपुर और साकची में बड़े क्वार्टर के लिए कुछ कमेटी मैंबर नतमस्तक हो गए हैं. क्लब हाउस के संचालन में हिस्सेदारी के लिए भी कुछ कमेटी मैंबर डोल रहे हैं. कुछ ऐसे भी कमेटी मैंबर चिह्नित हुए है जो अंधेरा होते ही सुरा के सुर में सुध-बुध खो रहे हैं. जातिवादी राजनीति में भी एनएस ग्रेड के कमेटी मेंबरों के उलझने पर कर्मचारियों में नाराजगी है. ऐसे कमेटी मेंबरों की घेराबंदी शुरू हो गई है. कुछ से जवाब तलब हो रहा है तो कुछ को अगले चुनाव में सबक सिखाने की बात कही जा रही है.

18 कमेटी मैंबर पर एक पदाधिकारी के फार्मूले को पेश करने की कवायद

एनएस कमेटी मेंबरों को ऑफिस बेयरर और पीएफ ट्रस्टी के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व देने की बात लंबे समय से उठती रही है. टाटा वर्कर्स यूनियन में अभी 214 कमेटी मैंबर है तो 11 ऑफिस बेयरर. 4 पीएफ ट्रस्टी भी है. एनएस ग्रेड से अभी 85 कमेटी मैंबर है. आनुपातिक प्रतिनिधित्व के लिहाज से कम से कम 4 ऑफिस बेयरर की दावेदारी की बात उठ रही है. निकट भविष्य में यूनियन के भीतर एनएस के कमेटी मेंबरों की आवाज और प्रभावी तरीके से सुनाई दे तो आश्चर्य नहीं.

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